सहोदर भाई : अशोक शेरपुरी द्वारा रचित एक भोजपुरी रचना

  सहोदर भाई दिनभर बेमतलबबाजार में बगाइले,दिनभर के बोझा लेकेढुल जाले साँझरात के पंवदर पर जबगाँव ओरि जाइले,त राह मेंअहीर के एगो गाँव पड़ेला,हम राजपूत हईं !मन में उठेला फारवर्ड-बैकवर्ड बातभीतरे-भीतरे करिले घात-प्रतिघात।तले साइकिल खाले हिचकोलाउहाँ से शुरू होला मुसलमान टोला,त मन मंदिर-मस्जिद में फँस जालामुट्ठी हमार तनि देर-ला कस जाला।नियरा जाला झमटहा बरजहाँ से चारे … Continue reading सहोदर भाई : अशोक शेरपुरी द्वारा रचित एक भोजपुरी रचना