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बिहार स्टार्ट अप स्टोरी :दिलख़ुश कुमार जो पहले कभी रिक्शा चलाया और सब्जी बेचा,आज देश भर के आईआईटी और आईआईएम के छात्रों को दे रहा रोजगार

बिहार में स्टार्टअप कल्चर की राह पर बढ़ते कदमों की रोशनी में, एक नजर दिलखुश कुमार की कहानी पर डालने से हमें यह यकीन होता है कि सपने सच हो सकते हैं। दिलखुश कुमार, जो पहले रिक्शा चलाता थे और सब्जी बेचता था , आज देश भर के आईआईटी और आईआईएम के छात्रों को रोजगार दे रहा हैं।

सपनों की उड़ान:


दिलखुश कुमार की कहानी वास्तव में प्रेरणादायक है। उनका सफर रिक्शा चलाने से लेकर एक करोड़ रुपये की कंपनी बनाने तक का रहा है। वह बिहार के सहरसा जिले के निवासी हैं और उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से एक सफल उदाहरण सामने रखा है।

अपने सपनों का पुष्टिकरण:


दिलखुश कुमार ने बिहार में ओला उबर की तरह टैक्सी सर्विस शुरू करके बड़ा सपना देखा। उन्होंने यह सोचा कि बिहार के लोगों को भी उसी सुविधा का अनुभव मिलना चाहिए जो मेट्रोपोलिटन शहरों में है। इस विचार को प्रेरित होकर उन्होंने ‘रोडवेज’ नामक कंपनी की स्थापना की।

सफलता की मिशाल:


दिलखुश कुमार की ‘रोडवेज’ कंपनी का मिशन है 100 करोड़ की कंपनी बनाना।अभी कंपनी का वैल्यूएशन 5 करोड़ बताया जा रहा है। वह युवाओं को नौकरी देने के साथ-साथ, बिहार की बड़ी कंपनियों को भी टक्कर देने की योजना बना रहे हैं।

नई उम्मीदें:


दिलखुश कुमार की कहानी से साफ है कि सपनों को पूरा करने के लिए न केवल सोचने की आवश्यकता होती है, बल्कि मेहनत और लगन की भी। उनकी सफलता की कहानी बिहार के युवाओं को नई ऊर्जा और उम्मीद देती है, और उन्हें यह सिखाती है कि हर सपना साकार किया जा सकता है, बस उसके प्रति विश्वास और मेहनत होनी चाहिए।

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