Monday, December 2, 2024

रॉक-कट वास्तुकला और कोलगंज रॉक कट मंदिर

परिचय

रॉक-कट वास्तुकला एक कला है जो आर्किटेक्चर की तुलना में मूर्तिकला के समान है, क्योंकि कलाकारों ठोस चट्टानों को काटकर संरचनाएं बनाते थे ।। प्राचीन मंदिरों या गुफाओं में भारत में रॉक-कट आर्किटेक्चर व्यापक रूप से पाया जाता है। प्राचीन भारत के कुछ प्रसिद्ध रॉक-कट संरचनाएं चैत्य, विहार, मंदिर आदि हैं। रॉक-कट आर्किटेक्चर भारतीय राज्य बिहार के इतिहास में एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान पर है।

कोलगंज रॉक कट मंदिर भागलपुर के मुख्य पर्यटक आकर्षणों में से एक हैं।

अवस्थिति
कोलगंज रॉक कट मंदिर सुल्तानगंज से 8 किमी दूर स्थित हैं।

उत्पत्ति

मंदिर की उत्पत्ति गुप्ता काल के दौरान हुई थी ।

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मंदिर की विशेषता

यह मंदिर अपने पत्थर की नक्काशी के लिए प्रसिद्ध है, नक्काशी कई हिंदू, जैन और बौद्ध देवताओं को दर्शाती है। ये नक्काशी उस अवधि से संबंधित है जब यहाँ गुप्त सम्राज्य का राज था । ।

इन मंदिरों में कई कलात्मक वस्तुएं भी मौजूद हैं जिन्हें बिहार के सुल्तानगंज और कहलगांव जैसे शहरों से खुदाई के दौरान प्राप्त की गयी है । इन वस्तुएं को महान सम्राट अशोक के समय से संबंधित कहा जाता है।

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