मां मंगलागौरी मंदिर को ‘पालनपीठ’ के रूप में जाना जाता है, जहां भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है। मां मंगला गौरी का यह मंदिर प्राचीन इतिहास से जुड़ा है, जिसका उल्लेख हजारों साल पुराना है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माता सती का 108 अंग विभिन्न पर्वतों पर गिरा था, और उनमें से एक अंग गया के भस्मकूट पर्वत पर गिरा था। यही कारण है कि गया में स्थित यह स्थल पालनपीठ के रूप में प्रतिष्ठित है, जहां माता अपने भक्तों की सभी इच्छाओं का पालन करती हैं।
यह मंदिर भक्तों के लिए आस्था और श्रद्धा का केंद्र है, जहां माता मंगला गौरी के आशीर्वाद से हर मनोकामना पूरी होती है।