सुबह के नास्ते का महत्व तो आप और हम, जानते ही होंगे |कहा गया है और कई दफा हमने अनुभव भी किया है की अगर हमने सुबह का नास्ता सही समय पर किया तो हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहता है और हम दिन भर तरोताजा रहते हैं|
आज हम करने जा रहे हैं कुछ ऐसे बिहारी व्यंजन के बारे में जिसे बिहारी लोग नास्ते के रूप में ग्रहण करते हैं
चाय
अक्सर बिहार में दिन की शुरुआत चाय से होती है चाहे कोई भी व्यक्ति क्यों न हो कामकाजी पुरुष या महिलाएं विद्यार्थी हो या बुजुर्ग |लगभग सभी दिन की शुरुआत चाय से ही करना पसंद करते है|लोगो के पास चाय के अनेक विकल्प मौजूद हैं ,अदरक वाली चाय,निम्बू वाली चाय ,तुलसी वाली चाय या फिर आजकल का प्रचलित हरा चाय (ग्रीन टी)
रोटी , आलू दम आलू /चना, साथ में खीर :
घी / मक्खन लगी रोटी के साथ मसालेदार आलू की सब्ज़ी या आलू और चना की सब्ज़ी और साथ में कुछ मीठा जैसे खीर एक परिपूर्ण और पेट-भरने के नाश्ते का अनुभव करता है।
पराठा -भुजिया
यह बिहार का पारम्परिक नास्ता है| पराठे के साथ लोग आलू ,या गोभी की भुजिया या आलू -गोभी की मिली हुई भुजिया नास्ते में कहते हैं |यह नास्ता हमें बचपन की मीठी याद भी दिलाती है| याद है न जब हमारे टिफ़िन में रोटी या पराठे के साथ मम्मी तरह तरह के भुजिया भर के देती थी|
पूरी -आलू सब्ज़ी-जलेबी
यह नास्ता युवाओं में ज्यादा प्रचलित है |वैसे छात्र या छात्राएं जो अपने घर को छोड़कर हॉस्टल या लॉज में रहते है,वो इस नास्ते को ज्यादा प्राथमिकता देते हैं
लिट्टी -चोखा
इस व्यंजन ने बिहार को अंतराष्ट्रीय ख्याति दिलाई है|वैसे तो हम बिहारी ,इस पकवान ो कभी भी उपयोग में ले आते हैं लेकिन कुछ लोग इसे दिन या शाम के नास्ते में भी करते हैं
चना -घुघनी
इस नुस्खा में बहुत उबले हुए बंगाल चने का उपयोग किया जाता है, यह नुस्खा सबसे अच्छा स्वाद लेता है जब इसे मसालेदार बनाया जाता है
चूरा -दही /चुरा- आम
यह दही के साथ चुरा (पतले चावल के टुकड़े) का एक मिश्रण है और एक मसालेदार अचार या मसालेदार सब्ज़ी के साथ परोसते समय सर्वश्रेष्ठ स्वाद देता है। दही को आम के साथ बदलें और यह चुरा-आम हो जाता है जिसका उपयोग लोग गर्मियों में करते हैं
दाल पूरी
पुरी, को तो हमलोग जानते ही हैं और ख़ुशी से कहते हैं । लेकिन, दाल – पुरी स्वाद के स्टार को और एक और स्तर बढ़ा देता है ,इसका मूल कारण है इसमें बंगाली चना का भरा जाना |
दाल-पिठ्ठा
यह भरे हुए या भाप से पकने वाली व्यंजन का बिहारी जवाब है! चावल के आटे से बने इस व्यंजन, में मसालेदार दाल के पेस्ट भरा जाता है और फिर इसे उबाला जाता है |
सत्तू
यह बिहार का ट्रेडमार्क नास्ते में उपयोग में होने वाला पेय है |सत्तू का लाजवाब स्वाद किसी भी परिचय का मोहताज नहीं है। यह चिकन सूप और मिल्कशेक के बराबर है। ठंडा होने पर यह सबसे अच्छा स्वाद देता है। कभी कभी लोग सत्तू में नमक की जगह चीनी भी उपयोग करते हैं
सत्तू का पराठा
आप इस नुस्खा का प्रयास करने के क्रम में अपने उँगलियों को चाटे बिना नहीं रह पाएंगे | सत्तु का पराठा के लिए बनाये जाने वाली मसाले में सत्तू की सौंधी खुसबू के साथ जब प्याज, मिर्च ,तेल, नींबू , निगेला बीज, लहसुन जब मिलता है न तो ये महक और भी सौंधी हो जाती है |फिर जब इसे आते के खचे में इसे भर के तेल या घी के साथ टाला जाता है ,तब हम उंगलियां चाटे बिना रह नहीं पाते हैं
चुरा फ्राई
यह नास्ता आमतौर पर लोग शाम में करते हैं|इसमें चुरा के साथ लोग बादाम ,मिर्च ,प्याज,या हरा मटर को फ्राई करते हैं मजे से चटकारा लेके खाते हैं
घुघनी -मुढ़ी
इस नास्ते में शामिल है चना का फ्राई किया खुखी मसालेदार सब्ज़ी और मुढ़ी जिसे बिहार में कुछ जगह पर लोग फरही भी बोलते है,जो आमतौर पर चावल से बनता है