Buddha Smriti Park-बुद्ध स्मृति पार्क, जिसे अंग्रेज़ी में बुद्ध मेमोरियल पार्क भी कहा जाता है, पटना, भारत में फ्रेजर रोड के पास स्थित एक शहरी पार्क है। यह पार्क बिहार सरकार द्वारा गौतम बुद्ध की 2554वीं जयंती के उपलक्ष्य में बनाया गया था। प्रसिद्ध आर्किटेक्ट विक्रम लल्ल द्वारा डिज़ाइन किया गया यह पार्क 14वें दलाई लामा द्वारा 27 मई 2010 को उद्घाटित किया गया था।
पार्क का ऐतिहासिक महत्व
यह पार्क उस स्थान पर बना है, जहाँ कभी ब्रिटिश काल की ऐतिहासिक बांकीपुर सेंट्रल जेल स्थित थी। जब पटना के बाहरी इलाके में बियूर में एक नया केंद्रीय जेल बनाया गया, तो पुरानी जेल का अस्तित्व समाप्त हो गया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देशन में इस पार्क की परिकल्पना की गई। उद्घाटन के समय, दलाई लामा ने दो पवित्र वृक्षों के पौधे रोपे थे – एक बोधगया से और दूसरा श्रीलंका के अनुराधापुर से, जो महाबोधि वृक्ष की शाखा से लाया गया था।
मुख्य आकर्षण
पार्क का केंद्रीय आकर्षण “पटलिपुत्र करुणा स्तूप” है, जो 200 फीट ऊँचा है और पार्क के मध्य में स्थित है। यह 22 एकड़ में फैला पार्क भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को संजोए हुए है, जो पहले पटना संग्रहालय में प्रदर्शित थे। इसके अलावा, यहाँ बौद्ध धर्म के विभिन्न देशों से लाई गईं पवित्र वस्तुएँ भी संग्रहित हैं, जिनमें जापान, म्यांमार, दक्षिण कोरिया, श्रीलंका और थाईलैंड शामिल हैं।
ध्यान केंद्र(Meditation Centre)
ध्यान केंद्र को नालंदा के प्राचीन महाविहार के मठों की योजना से प्रेरित होकर एक अनूठी सुविधा के रूप में विकसित किया गया है। इसमें कुल 60 वातानुकूलित कक्ष (एयर कंडीशनर सेल्स) हैं, और प्रत्येक कक्ष से भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों वाले स्तूप का दृश्य देखा जा सकता है।
यहाँ एक पुस्तकालय भी है, जहाँ बौद्ध धर्म से संबंधित पुस्तकों का संग्रह है, जो आगंतुकों के लिए अध्ययन और मनन के लिए उपलब्ध है। इसके साथ ही, एक विशाल ऑडियो-विज़ुअल हॉल भी है, जिसका उपयोग पार्क का दौरा करने वाले समूहों द्वारा किया जा सकता है। यह ध्यान केंद्र शांति और साधना के लिए एक आदर्श स्थान प्रदान करता है।
स्मृति बाग (Park of Memories)
यह स्मृति बाग एक खुली जगह है, जहाँ विभिन्न देशों की वास्तुकला के अनुसार बनाए गए स्तूप स्थित हैं। यह बाग प्रतीकात्मक रूप से बौद्ध धर्म के बिहार से दुनिया भर में प्रसार को दर्शाता है। इसमें लगभग 5000 लोगों के बैठने की क्षमता है।
संग्रहालय(Museum)
इस संग्रहालय की इमारत का डिज़ाइन भारतीय बौद्ध गुफा मठों की प्राकृतिक संरचना से प्रेरित है, जिसका सबसे पहला उदाहरण बिहार की बाराबर गुफाओं में देखा जा सकता है। संग्रहालय में बुद्ध के जीवन और उनके समय को दर्शाते हुए प्राचीन वस्तुएं, 3-डी मॉडल, और ऑडियो-विज़ुअल प्रस्तुतियां होंगी।
स्तूप और बोधि वृक्ष
बुद्ध स्मृति पार्क के स्तूप में भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को सुरक्षित रूप से संरक्षित किया गया है। पार्क में पवित्र बोधि वृक्षों के पौधे हैं, जिन्हें श्रीलंका के महामेघवन अनुराधापुर और भारत के बोधगया से प्राप्त किया गया है।
लेज़र शो (Laser Show)
शाम के समय बुद्ध स्मृति पार्क में एक अद्वितीय लेज़र शो आयोजित किया जाता है। यह शो बिहार के इतिहास को दर्शाता है, जो रामायण काल से शुरू होकर स्वतंत्रता के बाद के समय तक की कहानी को जीवंत करता है। लेज़र शो के माध्यम से बिहार की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को दर्शकों के सामने बेहद आकर्षक और रोचक ढंग से प्रस्तुत किया जाता है, जो इसे देखने वाले लोगों के लिए एक विशेष अनुभव बनाता है।
बोधि वृक्ष (Bodhi Trees)
बुद्ध स्मृति पार्क में पवित्र बोधि वृक्षों के पौधे लगाए गए हैं, जो श्रीलंका के महामेघवन अनुराधापुर और भारत के बोधगया से प्राप्त किए गए हैं। ये पवित्र वृक्ष बौद्ध धर्म में गहरे आध्यात्मिक महत्व रखते हैं, क्योंकि इन्हीं वृक्षों के नीचे भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। इन वृक्षों के पौधों का रोपण पार्क में एक विशेष आध्यात्मिक माहौल बनाता है, जो बौद्ध धर्म के अनुयायियों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।