आज के पटना को तो हम भली भांति जानते हैं लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कुछ दशक पहले पटना कैसा लगता
होगा | आइये आपको ले चलते हैं उन दिनों में जब रंगीन फोटो की जगह ब्लैक एंड वाइट फोटो चलन में हुआ करती थी|
बुद्ध घाट ,लोदी पुर के नजदीक- सभी आधुनिक स्वच्छता और अन्य सुविधाओं के साथ स्नान करने वाला पटना का पहला घाट
दुजरा में गंगा घाट , जो पटना सुधार ट्रस्ट द्वारा उस समय निर्माणधीन था।
गोलघर पार्क में लगा फव्वारा का दृश्य
हार्डिंग पार्क के विपरीत झोपड़ पट्टी का एक समूह।
खुली नालियों को कवर करके चौड़ा करने के बाद प्रदर्शनी सड़क।
फ्रेजर रोड पर हो रहे प्रगति और सुधार कार्य।
फ्रेजर रोड पर सड़क निर्माण कार्य प्रगति पर
चिरैयाटाड़ उस समय शहर के उत्तरी और दक्षिणी क्षेत्रों के बीच एकमात्र बारह मासी सड़क लिंक ओवरब्रिज था ।
तब की पटना में चलती पुरानी बसें
राजेंद्र नगर में हो रहे सुधार कार्य
तख़्त श्री हर-मंदिर साहिब पटना साहिब , सिखों के 10 वें गुरु गुरु गोबिंद सिंह का जन्म स्थान।
1940 :गाँधी मैदान से सटे संत ज़ेवियर स्कूल की शुरुआत
पटना जंक्शन का एक दृश्य ,1920..तब ये एक छोटा सा स्टेशन हुआ करता था
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