Saturday, November 23, 2024

बिहार पर्यटन : मनेर शरीफ़ दरगाह

बिहार को ऐसे ही सर्व धर्म समभाव वाला राज्य नहीं कहा जाता ….जहाँ यहाँ हिन्दू धर्म, सिख धर्म ,जैन धर्म और ईसाई धर्म से जुड़े बेहद गर्व करने लायक दर्शनीय स्थल है उसी तरह इस्लाम धर्म से जुड़े भी बहुत सारे ऐसे स्थान जो मनभावन है ।

अवस्थिति
मनेर शरीफ का दरगाह जो करीब 800 सालों भी ज़्यादा समय से पटना से 24 किलोमीटर पश्चिम की ओर स्थित है, । बिहार के गवर्नर इब्राहिम खान ने 1619 में मखदूम शाह दौलत, जिनका निधन मनेर शरीफ में 1608 को हुआ था, उनकी याद में एक समाधी बनवाई। इसका निर्माण 1616 को समाप्त हुआ। इस जगह उन्होने मखदूम शाह दौलत की याद में एक दरगाह का भी निर्माण करवाया है। यह दरगाह गंगा,सोन और सरयु नदी के संगम पर ही स्थित है।

वास्तुकला का सुन्दर नाम्नुना
मनेर दरगाह भारतीय प्राचीन वास्तुकला का अद्भुत नजारा पेश करता है

सूफी संगीत की शुरुआत
लोगो को इस बात का पूरा विश्वास है की आज जिस सूफी संगीत के लोग इतने दिवाने है उसकी शुरुआत भी मनेर शरीफ़ से ही हुआ है। दरअसल मनेर बिहार में मुस्लिम संस्कृति का प्रतीक था।

लगता है भव्य मेला
आज भी जब प्रति वर्ष दो बार मुसलमानो के जाने माने फकीरो की याद में यहाँ मेला लगता है तो यहाँ की चकाचौंध से मन प्रफ्फुलित हो उठता है।

हर धर्म एवं सम्प्रदाय के लोगो की भीड़ होती है
ऐसा नहीं है कि यहाँ बस मुसलमानो के ही देखने योग्य जगह है। यहाँ हर धर्म एवं सम्प्रदाय के लोगो की भीड़ होती है।

नुकदी के लड्डू 

यहाँ के नुकदी के लड्डू बहुत ही प्रसिद्द है

मनेर शरीफ दरगाह आज बिहार के उन प्राचीन स्थलों में से एक है जिसकी ऐतिहासिकता को किसी भी प्रमाण की आवश्यकता नहीं है। कभी बिहार घूमने का मन हो तो अपने लिस्ट में मनेर दरगाह का नाम अवश्य डाल ले
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