पूर्णिया विश्वविद्यालय, बिहार के पूर्णिया जिले में स्थित एक सार्वजनिक विश्वविद्यालय है, जिसकी स्थापना 2018 में बिहार राज्य विधानमंडल के एक अधिनियम द्वारा की गई थी। इस विश्वविद्यालय की अधिकारिता पूर्णिया, अररिया, किशनगंज और कटिहार जिलों तक फैली हुई है।
इतिहास
18 मार्च 2018 को भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा से विभाजन के बाद पूर्णिया विश्वविद्यालय का गठन हुआ। इसका उद्देश्य स्थानीय छात्रों को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा प्रदान करना और क्षेत्र में शैक्षिक विकास को गति देना है। पहला शैक्षणिक सत्र 2018-19 में शुरू हुआ था।
भविष्य की योजनाएं
वर्तमान में यह विश्वविद्यालय पूर्णिया कॉलेज परिसर से संचालित होता है, लेकिन इसके लिए 37.24 एकड़ भूमि पर नए आधुनिक परिसर का निर्माण किया जा रहा है। इस परिसर में सभी आधुनिक सुविधाएं जैसे आवासीय भवन, खेल-कूद और सांस्कृतिक सुविधाएं, प्रशासनिक और शैक्षणिक खंड, पुस्तकालय, प्रयोगशालाएं, छात्रावास, स्वास्थ्य केंद्र और योग केंद्र मौजूद होंगे। यह पर्यावरण-अनुकूल और हरित परिसर के रूप में विकसित किया जाएगा।
शैक्षणिक कार्यक्रम
पूर्णिया विश्वविद्यालय स्नातक, परास्नातक और पीएचडी स्तर के कई पाठ्यक्रम प्रदान करता है। इसके तहत मानविकी, विज्ञान, वाणिज्य और इंजीनियरिंग के विभिन्न विषयों में शिक्षा दी जाती है। विश्वविद्यालय तकनीकी और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों जैसे बी.टेक., एमबीए, एम.ए., और एम.एससी. की शिक्षा भी प्रदान करता है।
संबद्ध महाविद्यालय
इस विश्वविद्यालय के तहत कई प्रतिष्ठित महाविद्यालय आते हैं, जो इसके चार जिलों में फैले हुए हैं। इनमें प्रमुख हैं:
- पूर्णिया कॉलेज, पूर्णिया
- कटिहार कॉलेज, कटिहार
- अररिया कॉलेज, अररिया
- किशनगंज कॉलेज, किशनगंज
कानून महाविद्यालय
इसके अंतर्गत कई प्रसिद्ध कानून महाविद्यालय भी संचालित होते हैं, जैसे:
- बृज मोहन ठाकुर लॉ कॉलेज, पूर्णिया
- चंद्र किशोर मिश्रा लॉ कॉलेज, अररिया
निष्कर्ष
पूर्णिया विश्वविद्यालय पूर्वोत्तर बिहार में उच्च शिक्षा का एक उभरता हुआ केंद्र है, जो न केवल स्थानीय छात्रों को बेहतर शैक्षिक अवसर प्रदान कर रहा है, बल्कि इस क्षेत्र के समग्र विकास में भी योगदान दे रहा है।
Official website-https://www.purneauniversity.ac.in/