Thursday, November 21, 2024

रविशंकर प्रसाद: भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्तंभ

रविशंकर प्रसाद (जन्म: 30 अगस्त 1954) भारतीय राजनीति में एक प्रतिष्ठित और अनुभवी नेता हैं। वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अग्रणी सदस्यों में से एक हैं और वर्तमान में भारतीय संसद के उच्च सदन (राज्यसभा) में बिहार राज्य का प्रतिनिधित्व करते हैं। अपनी लंबी राजनीतिक यात्रा में, रविशंकर प्रसाद ने कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों जैसे कोयला एवं खान मंत्रालय, कानून एवं न्याय मंत्रालय, और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया है।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

रविशंकर प्रसाद का जन्म बिहार के पटना में एक प्रतिष्ठित कायस्थ परिवार में हुआ था। उनके पिता ठाकुर प्रसाद पटना उच्च न्यायालय के जाने-माने वकील और भारतीय जनसंघ (अब भाजपा) के संस्थापकों में से एक थे। रविशंकर प्रसाद ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पटना विश्वविद्यालय से प्राप्त की, जहां उन्होंने राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर (एम.ए.) और कानून में स्नातक (एलएल.बी.) की डिग्रियाँ हासिल कीं। राजनीति और कानून के प्रति उनकी रुचि युवावस्था में ही विकसित हो गई थी, जिससे उनका झुकाव सामाजिक और राष्ट्रीय मुद्दों की ओर बढ़ा।

राजनीति में शुरुआती कदम

रविशंकर प्रसाद ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1970 के दशक में की, जब उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आपातकाल के खिलाफ जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में बिहार में छात्र आंदोलन का नेतृत्व किया। आपातकाल के विरोध में उनकी सक्रिय भागीदारी ने उन्हें एक छात्र नेता के रूप में पहचान दिलाई और इसी दौरान उन्हें जेल भी जाना पड़ा। इस समय से ही उनकी राष्ट्रीय राजनीति में भागीदारी की शुरुआत हुई, और वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के साथ जुड़े रहे।

एक प्रख्यात वकील के रूप में

राजनीति के साथ-साथ रविशंकर प्रसाद ने अपने कानूनी करियर में भी बेहतरीन मुकाम हासिल किया। 1980 में पटना उच्च न्यायालय में अपनी वकालत की शुरुआत करने के बाद, उन्होंने कई महत्वपूर्ण मामलों में अपनी छाप छोड़ी। 1999 में उन्हें पटना उच्च न्यायालय द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता का दर्जा मिला, और 2000 में उनका नामांकन भारत के सर्वोच्च न्यायालय में हुआ। प्रसाद ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ कुख्यात चारा घोटाले में प्रमुख वकील के रूप में अपनी भूमिका निभाई और कई बड़े मामलों में अपना पक्ष मजबूती से रखा। उन्होंने अयोध्या मामले, रामेश्वर प्रसाद बनाम भारत संघ (बिहार विधानसभा भंग मामला), और नर्मदा बचाओ आंदोलन जैसे कई ऐतिहासिक मामलों की पैरवी की।

केंद्रीय मंत्री के रूप में योगदान

रविशंकर प्रसाद ने 2000 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री के रूप में प्रवेश किया, जहां उन्हें कोयला एवं खान राज्य मंत्री का पदभार सौंपा गया। इसके बाद 2002 में उन्हें कानून एवं न्याय मंत्रालय का अतिरिक्त भार दिया गया, जहां उन्होंने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम में संशोधन जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को अंजाम दिया। सूचना एवं प्रसारण मंत्री के रूप में, उन्होंने रेडियो और टेलीविजन में सुधारों की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) को गोवा में स्थापित करने में भी उनकी प्रमुख भूमिका रही।

रविशंकर प्रसाद ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी भारत का प्रतिनिधित्व किया। वे दक्षिण अफ्रीका में गुट निरपेक्ष मंत्रिस्तरीय बैठक और फिलिस्तीन के रामल्ला में यासिर अराफात से मुलाकात के लिए भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व कर चुके हैं। वे संयुक्त राष्ट्र महासभा की 61वीं बैठक में भारत के प्रतिनिधि के रूप में भी शामिल रहे हैं।

भाजपा के प्रमुख प्रवक्ता

2006 में, रविशंकर प्रसाद को भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त किया गया और इसी साल उन्हें बिहार से राज्यसभा सांसद के रूप में फिर से चुना गया। उनकी तार्किक क्षमता और मुद्दों को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करने की कला ने उन्हें पार्टी के प्रमुख चेहरों में से एक बना दिया। वे भाजपा की युवा शाखा और संगठन में कई राष्ट्रीय पदों पर रहे हैं और पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी हैं।

लोकसभा चुनाव और जीत

2019 के लोकसभा चुनावों में, रविशंकर प्रसाद ने पटना साहिब निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की। उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार को भारी मतों से हराया और इस जीत के साथ उन्होंने अपने राजनीतिक करियर में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज की।

निष्कर्ष

रविशंकर प्रसाद का राजनीतिक, कानूनी, और प्रशासनिक जीवन उन्हें भारत के सबसे अनुभवी और सम्मानित नेताओं में से एक बनाता है। अपने करियर के विभिन्न चरणों में, उन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत की छवि को सशक्त किया है और विभिन्न मंत्रालयों में अपने सुधारवादी कदमों के लिए सराहना प्राप्त की है।

यहाँ रविशंकर प्रसाद द्वारा संभाले गए पदों की तालिका प्रस्तुत की गई है

वर्षपद
1991 से 1995भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष (दो कार्यकाल)
1995सदस्य, राष्ट्रीय कार्यकारिणी, भारतीय जनता पार्टी
अप्रैल 2000राज्य सभा सदस्य निर्वाचित
मई 2000 – 2001पेट्रोलियम, रसायन तथा वित्त मंत्रालय की सलाहकार समितियों के सदस्य
1 सितंबर 2001 – 29 जनवरी 2003कोयला और खान मंत्रालय में राज्य मंत्री
1 जुलाई 2002 – 29 जनवरी 2003विधि और न्याय मंत्रालय में राज्य मंत्री का अतिरिक्त प्रभार
29 जनवरी 2003 – मई 2004सूचना और प्रसारण मंत्रालय में राज्य मंत्री का स्वतंत्र प्रभार
मई 2000 – अगस्त 2001विधायी समिति के सदस्य
अगस्त 2004 – अगस्त 2006मानव संसाधन विकास समिति के सदस्य
सितंबर 2004 – अप्रैल 2006राज्य सभा की स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के सदस्य
अक्टूबर 2004 – 2006वित्त मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य
नवंबर 2004 – वर्तमानमानव संसाधन विकास समिति की विश्वविद्यालय एवं उच्चतर शिक्षा उप समिति के सदस्य
मार्च 2006भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता
अप्रैल 2006पुनः राज्य सभा के लिए निर्वाचित
2006सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी समिति के सदस्य
सितंबर 2006विशेषाधिकार समिति के सदस्य
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