प्रतिभा देश के किस किस कोने में छुपी हो सकती है आप इसका अंदाज़ा भी नहीं लगा सकते बस जरूरत है उस प्रतिभा को पहचान कर उसे निखारने की ।
कुंदन की कहानी भी कुछ ऐसी है
दरअसल ताइक्वांडो की विश्व चैंपियनशिप प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए कुंदन को भारत की राष्ट्रीय टीम में चुना गया है दक्षिण अफ्रीका के डरबन में आयोजित ग्लोबल ताइक्वांडो फेडरेशन द्वारा आयोजित विश्व चैंपियनशिप में होंगे शामिल।
गया के बंग्ला स्थान मोहल्ले में रहने वाले कुंदन ने कड़ी मेहनत और आर्थिक तंगी के बीच अपने सपनों को मुकाम तक पहुंचाया। वह बताते हैं कि उनके पिता गया कॉटन मिल में काम करते थे जो कई वर्ष पहले बन्द हो गया। आर्थिक स्थिति बदहाल होने लगा तब उन्होंने गया के कोचिंग संस्थान के बाहर साइकिल स्टैंड में काम किया और छात्रों के साइकिल को स्टैंड में लगाते थे जिसके एवज में उन्हें 300 रुपया महीना मिलता था। उसी से परिवार का गुजारा करने लगा लेकिन आत्मविश्वाश और हिम्मत न हारी। साइकिल स्टैंड में बैठ कर उन्होंने अपने सपनों के स्टैंड को आगे बढ़ाया। कुंदन ने इसे मजबूरी बनने न दिया क्योंकि जुडो कराटे के प्रति बचपन से ही जुनून था।
पहली बार वर्ष 2013 में बड़ी मुश्किल से राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में शामिल होने का मौका मिला पर वह इससे बाहर हो गए फिर भी हिम्मत और हौसला कम न हुआ। फिर 2017 में मलेशिया में इंटरनेशनल निलो कराटे चैम्पियनशिप में शामिल होकर भारत के लिए कांस्य पदक जीता। उसी वर्ष नेपाल में भी मिक्स मार्शल आर्ट्स के विश्व चैंपियनशिप टायसन ब्राईशन के हाथों पदक जीता।
विश्व चैंपियन बनने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे कुंदन ने बताया कि प्रतिदिन 6 घन्टा वह अभ्यास कर रहे हैं। उन्हें विश्वास है कि अपने देश के लिए पदक लेकर आएंगे।उसके बाद अगला लक्ष्य 2020 में आयोजित ओलम्पिक क्वालीफाई करना है। उन्होंने आगे बताया कि 1 मिनट में 125 पुशअप का दावा है पिछला विश्व रिकॉर्ड भारत के नाम से अब तक 1 मिनट में 90 पुशअप दर्ज है। कोशिश है कि इसमें भी विश्व रिकॉर्ड बनाते हुए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा सके।
उन्होंने बताया कि जब भी वह अन्य राज्यो में खेलने जाते है तो बिहार का नाम लेते हीं लोग अचंभित हो जाते है कहते हैं कि बिहार में रहकर तुमने तयारी कैसे की ।अन्य राज्यों की तुलना में बिहार के खिलाड़ियोंको वह सुविधाएँ नहीं मिल पति जिसके वे हकदार हैं । बिहार सरकार ऐसे खिलाड़ियों की मदद करनी चाहिए |
बता दें कि उन्हें साउथ अफ्रीका जाना है टिकट भी हो गयी है बाकी के पैसे के जुगाड़ में वह लगा है।इसलिए इस न्यूज़ को आप सब इतना शेयर करें की ये खबर बिहार के खेल मंत्रालय तक पहुँच पाए और वो इस होनहार खिलाडी की मदद करे