मेरे भारत के कंठहार
तुक्षको शत – शत वंदन बिहार
तू वाल्मीकि की रामायण
तू वैशाली का लोकतंत्र
तू बोधिसत्व की करुणा है
तू महावीर का शांतिमंत्र
तू नालंदा का ज्ञानदीप
तू हीं अक्षत चंदन बिहार
तू है अशोक की धर्मध्वजा
तू गुरुगोविंद की वाणी है
तू आर्यभट्ट तू शेरशाह
तू कुंवर सिंह बलिदानी है
तू बापू की है कर्मभूमि
धरती का नंदन वन बिहार
तेरी गौरव गाथा अपूर्व
तू विश्व शांति का अग्रदूत
लौटेगा खोया स्वाभिमान
अब जाग चुके तेरे सपूत
अब तू माथे का विजय तिलक
तू आँखों का अंजन बिहार
तुक्षको शत – शत वंदन बिहार
मेरे भारत के कंठहार
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