Sunday, November 24, 2024

H.C.वर्मा की कहानी, हमारी जुबानी

H.C.वर्मा वो नाम है जिसे इंजीनियरिंग की तैयारी करने वाला हर विद्यार्थी भगवान् सरीखा मनाता होगा ।और माने भी क्यों नहीं …उनके लिखे फिजिक्स की कुछ पुस्तकों ने सारे इंजीनियर बनने की चाह रखने वाले स्टूडेंट्स की राह जो सुगम बना दी ।
‘कॉन्सेप्ट ऑफ़ फिजिक्स’ और क्वांटम ऑफ़ फिजिक्स’ ये दो पुस्तक है जिससे साइंस के विद्यार्थी भली भांति परिचित होंगे ।

अब बात करते है इस महान शिक्षक की । H.C.वर्मा मूलतः पटना के रहने वाले हैं |उनका पूरा नाम हरीश चंद्र वर्मा है | इनकी शुरूआती पढ़ाई भी यहीं हुई। शुरुआत में विज्ञान में इनकी खास रुचि नहीं थी। आम छात्रों की तरह अच्छे नंबर पाने के लिए इन्हें भी संघर्ष करना पड़ा था। लेकिन कहते हैं न, एक सच्चा बिहारी अपने जज्बे से हर जिद पूरी करना जानता है। H.C.वर्मा ने भी वही किया।
प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद H.C.वर्मा ने पटना सायंस कॉलेज में दाखिला लिया और भौतिकी में स्नातक किया उसके बाद उन्होंने IIT कानपूर में M.sc पढाई की । वहाँ 9.9 CGPA से टॉप करने के बाद पीएचडी करने लगे और महज तीन साल के अंदर डॉक्टरेट की उपाधि भी ग्रहण कर ली।

सन् 1980 में पटना साइंस कॉलेज में लेक्चरर के तौर पर नियुक्त हुए।कॉलेज में पढाई के दौरान उन्होंने महसूस किया की क्लास के बच्चे उतने मन से भौतिकी विषय को पढ़ नहीं पा रहे है । उन्हें ये बात खलती थी ,इसी को देखते हुए उन्होंने इस चीज का हल निकालने की ठानी ।किताबों का शोध करने के दौरान उन्होंने पाया की अगर विषय को जटिल न बना कर अगर उसे आसान कर दिया जाये तो स्टूडेंट्स इसे अच्छे से समझ पाएंगे ।एक अच्छा और छात्रों का प्रिय शिक्षक वही बन पाता है जो छात्रों की समस्याओं को उनके लेवल तक जाकर समझे और तब उसे हल करे। बस यहीं से एक ऐसी किताब की सोच गढ़ी इस होनहार शिक्षक ने और ज़िन्दगी के करीब आठ साल देकर एक ऐसी पुस्तक के सेट की रचना की जिसे स्टूडेंट्स की कठिनाई ही समाप्त हो गयी ।उस पुस्तक का नाम था ,कॉन्सेप्ट ऑफ़ फिजिक्स ,जिसे उन्होंने दो भागो में विभाजित किया । पहले भाग में उन्होंने 11 वी के सिलेबस को ऐसे सामान्य तरीके से पेश किया की स्टूडेंट्स को फिजिक्स अब आसान लगने लगा वही दूसरे भाग में उन्होंने १२ वी के सिलेबस को भी कुछ वैसा ही ट्रीटमेंट दिया ।उन्होंने कठिन उदाहरणों को रुचिकर बनाकर आस पास के उदहारण के द्वारा फिजिक्स के फॉर्मूले को कुछ ऐसा समझाया की अब पुराने जटिल सवाल स्टूडेंट्स को आसान लगने लगे ।
CONCEPT OF PHYSICS

करीब 14 साल के पश्चात 1994 में H.C.वर्मा लेक्चरर बनकर वापस IIT कानपुर चले गये और वहाँ वे छात्रों को अपना ज्ञान बांटने के साथ-साथ रिसर्च में भी लगे रहे।उनके रिसर्च का मुख्या विषय नुक्लिअर फिजिक्स था यहीं इन्होंने ‘क्वांटम ऑफ़ फिजिक्स’ की भी रचना की। लगभग 38 सालों तक अध्यापन कार्य करने के बाद छात्रों के बेहद प्रिय बन चुके H.C.Verma सर हाल ही में (2017 में) रिटायर कर गये। उनकी वेबसाइट के मुताबिक, वे वर्तमान में इलेक्ट्रोस्टैटिक्स, मैग्नेटोस्टैटिक्स और इलेक्ट्रोडैडेनामिक्स से संबंधित स्नातक स्तर के एक पुस्तक पर काम कर रहे हैं |

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