Thursday, November 21, 2024

ठाकुर जुगल किशोर सिन्हा : स्वतंत्रता संग्राम से सहकारिता क्रांति तक

जन्म और प्रारंभिक जीवन

ठाकुर जुगल किशोर सिन्हा  का जन्म 1908 में हुआ था। उनका जीवन देश सेवा और सामाजिक सुधार के लिए समर्पित था। वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से शामिल हुए और महात्मा गांधी के नेतृत्व में स्वाधीनता आंदोलन में भाग लिया।

स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका

स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, ठाकुर युगल किशोर सिंह ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक समर्पित कार्यकर्ता के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने महात्मा गांधी के सिद्धांतों का पालन किया और स्वतंत्रता के संघर्ष में अपनी सक्रिय भागीदारी से देशवासियों के बीच एक सशक्त नेता के रूप में पहचान बनाई।

राजनीतिक जीवन

स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद, ठाकुर युगल किशोर सिंह ने बिहार के मुजफ्फरपुर उत्तर पश्चिम संसदीय निर्वाचन क्षेत्र (वर्तमान में शिवहर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र) से पहली लोकसभा का चुनाव जीता। संसद में उन्होंने एक जिम्मेदार और कुशल सांसद के रूप में कार्य किया, और उनकी राजनीतिक समझ और दूरदर्शिता ने उन्हें जनता के बीच लोकप्रिय बनाया।

सहकारिता क्रांति में योगदान

सहकारिता आंदोलन में ठाकुर युगल किशोर सिंह का योगदान बेहद महत्वपूर्ण था। उन्हें सहकारिता क्रांति का जनक कहा जाता है, जिसने समाज के कमजोर और वंचित वर्गों को सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभाई। उनकी नीतियों ने ग्रामीण समाज में सामाजिक और आर्थिक सुधार लाने का मार्ग प्रशस्त किया।

पारिवारिक जीवन और पत्नी राम दुलारी सिन्हा

उनकी पत्नी, राम दुलारी सिन्हा, एक प्रतिष्ठित राजनेता थीं। उन्होंने केरल की राज्यपाल के रूप में कार्य किया और कई सामाजिक एवं राजनीतिक आंदोलनों में भाग लिया। दोनों ने मिलकर समाज और देश की सेवा के लिए अनेक कार्य किए और उनका योगदान आज भी याद किया जाता है।

शैक्षिक योगदान: ठाकुर युगल किशोर सिंह महाविद्यालय

ठाकुर युगल किशोर सिंह की स्मृति में उनके पुत्र मधुरेन्द्र कुमार सिंह ने सीतामढ़ी में “ठाकुर युगल किशोर सिंह महाविद्यालय” की स्थापना की। यह महाविद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए कार्यों और उनके आदर्शों का प्रतीक है। इसका उद्देश्य समाज के सभी वर्गों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना और सामाजिक सुधार की दिशा में आगे बढ़ना है।

समाज सेवा और विरासत

ठाकुर युगल किशोर सिंह का जीवन देशभक्ति, समाज सेवा और राजनीतिक उत्कृष्टता का प्रतीक था। उनके द्वारा किए गए कार्य और उनके आदर्श आज भी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं। वे भारत के स्वतंत्रता संग्राम और सामाजिक सुधार आंदोलनों के प्रमुख नेताओं में से एक माने जाते हैं, और उनका योगदान हमेशा सम्मान के साथ याद किया जाता रहेगा।

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