चीन की दीवार को तो पूरी दुनिया जानती है लेकिन शायद ये बहुत कम लोग जानते हैं कि दुनिया की सबसे पुरानी दीवार नालंदा के राजगीर की पहाड़ियों पर है।
मगध साम्राज्य का यह सुरक्षा कवच साइक्लोपियन वॉल के नाम से जाना जाता है। यह दीवार इतनी पुरानी है कि अब इसे विश्व धरोहर सूची में शामिल करने की मुहिम शुरू हो चुकी है।
राजगीर में स्थित शायक्लोपिएन दीवार ( चक्रवात की दीवार) मूल रूप से चार मीटर ऊंची है और 40 किलोमीटर लंबी दीवार है राजगीर शहर के चारो ओर पत्थर के ब्लॉक से बना है।
दिवार की खासियत और इतिहास
बिहार के नालंदा जिले के राजगीर की पहाड़ियों पर बनाया गया यह दीवार अपने आप में खास है है।कई गेट्स और फोर्टफिकेशन समेत राजगीर पहाड़ियों और मैदानी इलाकों में निर्मित, यह लगभग 2500 साल पहले मुख्य रूप से बाहरी आक्रमणकारियों और दुश्मनों से अपनी पूंजी की रक्षा के उद्देश्य से मौर्य साम्राज्य के राजाओं द्वारा बनाया गया था । इसलिए इसे अगर हम विश्व की सबसे पुरानी दीवार कहें तो अतिश्योक्ति नहीं होगी ।
आज, इसके अधिकांश हिस्से को बर्बाद कर दिया गया है और इसका अवशेष खंडहर के रूप में में मौजूद है। अब भारत का पुरातात्विक सर्वेक्षण इसके रखरखाव करता है।
हिरण्य पर्वत , बिहारशरीफ में स्थित एक रमणीक स्थान
कैसे देखे इस पहाड़ को
इन दीवारों के हिस्से की झलक पाने के लिए, किसी को पुराने राजगीर की ओर कुछ किमी की दूरी पर दक्षिणी गेटवे के पास राजगीर गया रोड पर जाना होगा ।