Home TOURIST PLACES IN BIHAR ककोलत जलप्रपात: बिहार का प्राकृतिक सौंदर्य और पौराणिक महत्व

ककोलत जलप्रपात: बिहार का प्राकृतिक सौंदर्य और पौराणिक महत्व

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Kakolate-Waterfall-Nawada.

ककोलत जलप्रपात बिहार राज्य के नवादा जिले में स्थित है, जो नवादा शहर से लगभग 33 किलोमीटर दूर गोविंदपुर पुलिस स्टेशन के निकट है। इसके लिए, नवादा से राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 31 पर 15 किलोमीटर दक्षिण रजौली की ओर यात्रा करनी होती है। फतेहपुर से अलग होने वाली गोविंदपुर-फतेहपुर रोड आपको थाली मोड़ तक ले जाती है, जहाँ से जलप्रपात लगभग तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस मार्ग पर यात्रा करते समय, चारों ओर फैली हरियाली और खेतों का दृश्य मन को मोह लेता है।

जलप्रपात की विशेषताएँ

ककोलत जलप्रपात की ऊँचाई लगभग 160 फीट है, जो इसे बिहार का एक प्रसिद्ध जलप्रपात बनाता है। यह ठंडे पानी का झरना गर्मियों में पर्यटकों के बीच विशेष रूप से लोकप्रिय है। यहाँ का वातावरण बेहद खूबसूरत है, और चारों ओर घने जंगल इसकी सुंदरता में चार चाँद लगाते हैं। इस झरने के नीचे एक विशाल जलाशय है, जो इसके आकर्षण को और बढ़ाता है।

प्राकृतिक सौंदर्य

ककोलत क्षेत्र अद्भुत दृश्यों से भरा हुआ है। यहाँ का शांत और ठंडा वातावरण, झरने की आवाज़ और चारों ओर फैली हरियाली, सभी मिलकर एक सुखद अनुभव प्रदान करते हैं। झरने के पास खड़े होने पर आपको ठंडे पानी की हल्की फुहारें महसूस होती हैं, जो इस स्थान की विशेषता है। यह स्थल पिकनिक मनाने के लिए आदर्श है, और यहाँ आने वाले लोग इस प्राकृतिक सौंदर्य का भरपूर आनंद लेते हैं।

पौराणिक संदर्भ

ककोलत जलप्रपात के पीछे एक दिलचस्प पौराणिक कथा भी है। कहा जाता है कि त्रेता युग में एक राजा को एक ऋषि ने शाप दिया था, जिसके कारण वह अजगर में बदल गया और यहीं रहने लगा। द्वापर युग में, पांडवों के वनवास के दौरान इस स्थल पर आने से राजा को इस शाप से मुक्ति मिली। राजा ने भविष्यवाणी की थी कि जो कोई भी इस झरने में स्नान करेगा, वह कभी भी सर्प योनि में जन्म नहीं लेगा। इसी कारण, दूर-दूर से लोग इस झरने में स्नान करने आते हैं, विशेष रूप से वैशाखी और चैत्र सक्रांति के अवसर पर जब विषुआ मेला आयोजित होता है।

संस्कृति और उत्सव

इस मेले के दौरान, आसपास के गाँवों के लोग भी यहाँ एकत्र होते हैं। यह मेला ककोलत आने का औपचारिक प्रारंभ माना जाता है और गर्मियों की शुरुआत में मनाया जाता है। यहाँ की धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराएँ इसे और भी विशेष बनाती हैं, और यह स्थल न केवल प्राकृतिक सौंदर्य का, बल्कि ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व का भी प्रतीक है।

ककोलत जलप्रपात, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और पौराणिक कथाओं के साथ, एक अद्वितीय पर्यटन स्थल है, जो हर आगंतुक को अपनी ओर आकर्षित करता है।

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