स्थापना और इतिहास
कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना 1961 में हुई थी। इसके पहले उप-कुलपति विद्वान उमेश मिश्र थे। तब के बिहार के शिक्षा मंत्री, सत्येंद्र नारायण सिन्हा ने इस विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा की। कामेश्वर सिंह ने अपने पुश्तैनी आनंद बाग महल को संस्कृत के प्रचार के लिए बिहार सरकार को दान दिया, जो अब विश्वविद्यालय का मुख्यालय है।
महत्वपूर्ण व्यक्तित्व
संस्कृत के विद्वान और कवि राम करन शर्मा 1974 से 1980 तक विश्वविद्यालय के उप-कुलपति रहे हैं।
कैंपस
यह विश्वविद्यालय दरभंगा के लक्ष्मिश्वर विलास महल, जिसे आनंद बाग भी कहा जाता है, में स्थित है।
संबंधित विषय
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इस विश्वविद्यालय का उद्देश्य संस्कृत की शिक्षा और प्रचार को बढ़ावा देना है।
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