Friday, October 18, 2024

कैमूर में लीजिए नैनीताल और कश्मीर जैसा आनंद! करमचट डैम में बोटिंग शुरू, देखिए तस्वीरें

कैमूर जिले में दुर्गावती जल से परियोजना के (करमचट डैम) पर नौका विहार शुरू किया गया है। जहां नैनीताल और कश्मीर के डलझील जैसा कम खर्चे में बोटिंग का आनंद पर्यटक ले सकते हैं जिसके तहत दूर दराज से काफी लोगों के भीड़ यहां देखी जा रही है। यह इलाका पूरी तरह से पहाड़ से घिरा है.चेनारी के पास, सासाराम से लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित दुर्गावती जलाशय परियोजना, रोहतास जिले के सबसे महत्वपूर्ण सिंचाई योजनाओं में से एक है। यह परियोजना अपने भव्य सूर्योदय और सूर्यास्त के दृश्यों के लिए भी जानी जाती है, जो मनमोहक और अद्भुत होते हैं।

परियोजना की शुरुआत और उद्देश्य

1966 में आए भीषण अकाल ने रोहतास के मैदानी हिस्सों को भारी नुकसान पहुंचाया, जिससे किसानों को असिंचित जमीन की समस्या का सामना करना पड़ा। इस स्थिति को देखते हुए, “दुर्गावती जलाशय परियोजना” की परिकल्पना की गई, जिसका उद्देश्य असिंचित भूमि को सिंचाई की सुविधा प्रदान करना था। इसके लिए तत्कालीन कृषि मंत्री ए.आर. किदवई और सिंचाई मंत्री के.एल. राव ने बांध स्थल का निरीक्षण किया और परियोजना को मंजूरी दी।

10 जून 1976 को केंद्रीय कृषि मंत्री बाबू जगजीवन राम ने परियोजना की आधारशिला रखी। इसके बाद, 1977 में तत्कालीन सिंचाई मंत्री सच्चिदानंद सिंह ने एक उच्च स्तरीय समिति का गठन कर इस योजना में आ रही सभी बाधाओं को दूर किया। हालांकि, परियोजना में कई बार देरी होती रही, लेकिन आखिरकार 2011 में सुप्रीम कोर्ट और संबंधित मंत्रालय से परियोजना पर काम शुरू करने की अनुमति मिली, और 2012 में इसका काम फिर से प्रारंभ हुआ।

परियोजना का विकास और सिंचाई क्षमता

2014 तक इस परियोजना पर 1064 करोड़ रुपये खर्च हो चुके थे, और अंततः 15 अक्टूबर 2014 को तत्कालीन मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने इसका उद्घाटन किया। इसके बाद, इस परियोजना ने रोहतास और कैमूर जिलों के किसानों की उम्मीदों को पूरा किया।

दुर्गावती बांध की ऊंचाई 46.3 मीटर और लंबाई 1615.40 मीटर है। इसकी कुल भंडारण क्षमता 287.7 मिलियन क्यूबिक मीटर है, जबकि उपयोगी भंडारण क्षमता 257.5 मिलियन क्यूबिक मीटर है। यह जलाशय 2337 हेक्टेयर के क्षेत्र में फैला हुआ है, और इसके जल स्रोत के रूप में कैमूर पहाड़ी के 627 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में होने वाली वर्षा का पानी है।

सिंचाई के लाभ

इस परियोजना की नहरें दोनों दिशाओं, पूर्व और पश्चिम, में निकाली गई हैं। दाईं मुख्य नहर की लंबाई 34.08 किलोमीटर है और बाईं मुख्य नहर की लंबाई 22.6 किलोमीटर है। इसके माध्यम से रोहतास जिले के चेनारी, शिवसागर, और सासाराम प्रखंडों की 11,695 हेक्टेयर भूमि और कैमूर जिले के रामपुर, भभुआ, भगवानपुर, कुदरा, मोहनियां, और दुर्गावती प्रखंडों की 5,572 हेक्टेयर भूमि सिंचित की जाती है। इसके अतिरिक्त, कुदरा वियर नहर से 16,200 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई की सुविधा प्राप्त होती है।

निष्कर्ष

दुर्गावती जलाशय परियोजना, रोहतास और कैमूर जिलों के किसानों के लिए वरदान साबित हुई है। यह न केवल कृषि उत्पादन में सुधार कर रही है, बल्कि किसानों को उनकी फसल की निर्भरता को भी स्थिरता प्रदान कर रही है। इस परियोजना के साथ, क्षेत्र की हरियाली और खुशहाली का सपना साकार हो रहा है, और यह क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण योगदान कर रही है।

Facebook Comments

इसे भी पढ़े

इसे भी पढ़े

बिहारी खानपान

बिहारी खानपान

इसे भी पढ़े