महावीर मंदिर, बिहार के पटना में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है, जो भगवान हनुमान को समर्पित है। इस मंदिर की ख्याति देशभर में फैली हुई है, और हर साल लाखों श्रद्धालु यहाँ पूजा-अर्चना करने आते हैं।
इतिहास
महावीर मंदिर का इतिहास समय की धारा में खोया हुआ है, लेकिन पटना उच्च न्यायालय के 1948 के फैसले के अनुसार, यह मंदिर बहुत समय से अस्तित्व में है। माना जाता है कि इस मंदिर की स्थापना स्वामी बलानंद ने लगभग 1730 ई. में की थी। 1947 में भारत के विभाजन के बाद, जब बड़ी संख्या में हिंदू शरणार्थी पटना पहुंचे, तब इस मंदिर की लोकप्रियता में काफी वृद्धि हुई। इसके बाद मंदिर को फिर से कंक्रीट की संरचना में बनाया गया, जिसे 1987 में एक भव्य संगमरमर के मंदिर में बदल दिया गया।
विशेषताएँ
महावीर मंदिर में “संकट मोचन” नामक हनुमान की मूर्ति स्थापित है। प्रत्येक मंगलवार और शनिवार, जो हनुमान की पूजा के पारंपरिक दिन माने जाते हैं, यहाँ लंबी कतारें लगती हैं। रामनवमी और नए साल पर भक्तों की संख्या और भी बढ़ जाती है, जब कतारें एक किलोमीटर तक पहुँच जाती हैं।
13 जून 1993 से, सूर्यवंशी दास, जो एक दलित जाति से हैं, मंदिर के पुजारी नियुक्त हुए। इस निर्णय का समर्थन कई प्रसिद्ध पुजारियों ने किया है, जो इस पहल को ऐतिहासिक मानते हैं।
राम रसोई
भक्तों के लिए निःशुल्क भोजन की व्यवस्था “राम रसोई” के माध्यम से की जाती है। यह सेवा 1 दिसंबर 2019 को प्रारंभ हुई, जिसमें भक्तों को प्रतिदिन 11:30 बजे से 3:00 बजे तक भोजन प्रदान किया जाता है।
सामाजिक कार्य
महावीर मंदिर ट्रस्ट, जिसे “श्री महावीर स्थान न्यास समिति” के नाम से जाना जाता है, मानव कल्याण संगठनों और अस्पतालों का संचालन करता है, जैसे महावीर कैंसर संस्थान और महावीर आरोग्य अस्पताल। यह ट्रस्ट उत्तर भारत में दूसरी सबसे बड़ी बजट वाली संस्था है।
प्रकाशन
मंदिर ने 1990 में “धर्मायण” नामक पत्रिका का प्रकाशन शुरू किया, जो संस्कृति, धर्म, और राष्ट्रीयता पर केंद्रित है। यह पत्रिका लगातार प्रकाशित हो रही है और हाल ही में इसका 100वां अंक जारी किया गया।
महावीर मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रूप से भाग लेता है, जिससे यह समाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।