पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय (PPU) बिहार की राजधानी पटना में स्थित एक सार्वजनिक राज्य विश्वविद्यालय है, जिसे 2018 में राज्य विधायिका के अधिनियम द्वारा स्थापित किया गया था। विश्वविद्यालय का मुख्य उद्देश्य उच्च शिक्षा के विभिन्न क्षेत्रों में शैक्षणिक और शोध कार्यों को प्रोत्साहित करना है। यह एक समावेशी विश्वविद्यालय है, जहां विश्वविद्यालय के शैक्षणिक विभाग और इसके अधीनस्थ कॉलेज मिलकर कार्य करते हैं।
इतिहास
पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय की स्थापना से पहले, मगध विश्वविद्यालय (MU) पूरे बिहार में फैले हुए सैकड़ों कॉलेजों का प्रबंधन करता था। लेकिन इसकी विशालता के कारण प्रबंधन में कई चुनौतियां आने लगीं। 2015 में, बिहार के तत्कालीन शिक्षा मंत्री ने मगध विश्वविद्यालय को विभाजित करने का संकेत दिया, जिससे प्रबंधन की चुनौतियों को कम किया जा सके। इसी क्रम में, जुलाई 2015 में, मगध विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति मोहम्मद इश्तियाक ने पटना शाखा कार्यालय को और मजबूत करने का निर्णय लिया, ताकि छात्रों को मगध विश्वविद्यालय के मुख्यालय, जो बोधगया में स्थित था, जाने की आवश्यकता कम हो।
बिहार राज्य विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2016 को 30 जुलाई 2016 को बिहार कैबिनेट द्वारा मंजूरी दी गई, जिसके परिणामस्वरूप मगध विश्वविद्यालय का विभाजन हुआ और पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय की स्थापना का मार्ग प्रशस्त हुआ। इसके बाद, 2017 में, कुलपति और प्रति-कुलपति के पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए, जिसमें 150 से अधिक शिक्षाविदों ने आवेदन किया। 19 मार्च 2018 को बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा गिरीश कुमार चौधरी को प्रति-कुलपति और गुलाब चंद राम जैसवाल को कुलपति के रूप में नियुक्त किया गया, जिसके साथ ही पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय ने औपचारिक रूप से कार्य करना शुरू किया।
शैक्षणिक कार्य
पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय 2018-19 शैक्षणिक सत्र से अपनी शैक्षणिक गतिविधियों की शुरुआत की। इस विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं उन्हीं शैक्षणिक कार्यक्रमों में शामिल होते हैं, जो पहले मगध विश्वविद्यालय द्वारा संचालित किए जाते थे। पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में विज्ञान, वाणिज्य, और कला के विभिन्न विषयों में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम संचालित होते हैं। विभाजन के बाद भी मगध विश्वविद्यालय से पूर्व में जुड़े छात्रों को उनकी डिग्रियां मगध विश्वविद्यालय से ही प्रदान की जाती हैं।
पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के तहत आने वाले कॉलेजों में कई प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान शामिल हैं, जो विभाजन से पहले मगध विश्वविद्यालय के अधीन थे। विश्वविद्यालय अपने स्तर पर स्नातकोत्तर विभागों की स्थापना करने की योजना बना रहा है, विशेष रूप से विज्ञान, वाणिज्य और कला के क्षेत्रों में, ताकि विभाजन के बाद मगध विश्वविद्यालय के अधीन गए स्नातकोत्तर विभागों को प्रतिस्थापित किया जा सके।
प्रशासन
पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय का प्रशासनिक ढांचा संगठित और कुशल है। विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलपति प्रोफेसर राकेश कुमार सिंह हैं, जबकि प्रोफेसर गणेश महतो को प्रति-कुलपति के रूप में नियुक्त किया गया है। विश्वविद्यालय का चांसलर बिहार के राज्यपाल होते हैं, जो विश्वविद्यालय के प्रशासनिक कार्यों की देखरेख करते हैं। अन्य प्रमुख प्रशासनिक पदों पर जितेंद्र कुमार (रजिस्ट्रार) और मनोज कुमार (प्रो-क्टर) कार्यरत हैं, जो विश्वविद्यालय के प्रशासनिक कार्यों का कुशलता से संचालन करते हैं।
परिसर
पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय का मुख्यालय पटना में स्थित है और वर्तमान में यह मगध विश्वविद्यालय की पटना शाखा के कंकरबाग स्थित कार्यालय से संचालित होता है। हालांकि, विश्वविद्यालय का स्थायी परिसर बख्तियारपुर में स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय का स्नातकोत्तर (PG) परिसर दानापुर स्थित बी.एस. कॉलेज में विकसित किया जा रहा है। विश्वविद्यालय की योजना अपने नए परिसर में आधुनिक सुविधाओं और संसाधनों के साथ छात्रों और संकाय सदस्यों के लिए बेहतर शैक्षणिक वातावरण प्रदान करने की है।
संबद्ध कॉलेज
पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय का अधिकार क्षेत्र बिहार के पटना और नालंदा जिलों तक फैला हुआ है। विश्वविद्यालय के अधीन कई प्रमुख महाविद्यालय आते हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
- बीबीएमबीजी कन्या कॉलेज
- चंद्रदेव प्रसाद वर्मा कॉलेज, सिमरी, पटना
- डीएन कॉलेज, मसौढ़ी
- जे.डी. महिला कॉलेज, पटना
- आरपीएस कॉलेज, बेली रोड, पटना
- एएन कॉलेज, पटना
- बीएस कॉलेज, दानापुर Official site-https://ppup.ac.in/
विवाद
पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के प्रारंभिक दिनों में कुछ विवाद भी उत्पन्न हुए। अगस्त 2018 में, विश्वविद्यालय के तत्कालीन रजिस्ट्रार कर्नल (सेवानिवृत्त) कमेश कुमार पर दुर्व्यवहार और अनियमितताओं के आरोप लगे, जिसके कारण कुलपति ने जांच समिति का गठन किया। इसके अलावा, अक्टूबर 2019 में, जे.डी. महिला कॉलेज, जो पूरी तरह से लड़कियों के लिए आरक्षित है, में पीजी पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा जारी किए गए आदेश के बाद छात्राओं के बीच विरोध प्रदर्शन हुआ। हालांकि, विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस मुद्दे को सुलझाने का प्रयास किया और पीजी पाठ्यक्रम के लिए अलग भवन और समय निर्धारित किए गए ताकि स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों के बीच किसी प्रकार का हस्तक्षेप न हो।
निष्कर्ष
पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय अपनी स्थापना के बाद से बिहार में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान बना रहा है। इसके शैक्षणिक और प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने के साथ-साथ, यह विश्वविद्यालय विज्ञान, वाणिज्य और कला के क्षेत्रों में उच्च शिक्षा के प्रसार के लिए प्रतिबद्ध है। आने वाले समय में, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय बिहार के प्रमुख विश्वविद्यालयों में से एक बनने की क्षमता रखता है, और यह शिक्षा, शोध और नवाचार के माध्यम से राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने की दिशा में अग्रसर है।