पटना मेट्रो रेल परियोजना, बिहार की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है, जिसका उद्देश्य राज्य की राजधानी में यातायात भीड़ को कम करना और शहरी गतिशीलता में बदलाव लाना है। इस लेख में पटना मेट्रो की वर्तमान स्थिति, चरणों, मार्गों, लाभों और इसके भविष्य के प्रभावों की विस्तार से जानकारी दी गई है।
पटना मेट्रो रेल परियोजना
- लंबाई: 32.91 किमी
- स्टेशन: 25
- लाइनें: 2
- ट्रैक गेज: 1,435 मिमी (4 फुट 8+1⁄2 इंच) मानक गेज
- गति: 80 किमी/घंटा
- प्रकार: एलिवेटेड और भूमिगत
- लागत: ₹13,365.77 करोड़
- समाप्ति समय: मार्च 2025 (प्रथम चरण)
About Patna Metro
पटना मेट्रो, जिसे पटना एमआरटीएस के नाम से भी जाना जाता है, भारत की राजधानी पटना में बन रही एक तेज गति वाली रेल प्रणाली है। इसका निर्माण पांच चरणों में पूरा किया जाएगा और इसे राज्य-स्वामित्व वाली पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन द्वारा संचालित किया जाएगा। पहले चरण में पटना मेट्रो के पाँच स्टेशन मार्च 2025 तक परिचालन में आ जाएंगे।
पटना एमआरटीएस का निर्माण सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल के तहत किया जाएगा, जिसकी कुल लागत ₹13,365.77 करोड़ (लगभग 1.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर) है। इस लागत में भूमि अधिग्रहण का खर्च शामिल नहीं है, जिसे बिहार सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। पहले चरण में पूर्व-पश्चिम और उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर शामिल होंगे, जिसमें 15.36 किमी (9.54 मील) एलिवेटेड ट्रैक और 16.30 किमी (10.13 मील) भूमिगत ट्रैक होंगे।
पटना मेट्रो लाइन 2
पश्चिम से उत्तर दिशा की लाइन दानापुर स्टेट से शुरू होकर खेमनी चक पर समाप्त होगी। लाइन 1 की कुल लंबाई 16.86 किमी है। पटना मेट्रो परियोजना में भूमिगत और एलिवेटेड दोनों प्रकार के मार्ग शामिल हैं। एलिवेटेड मार्ग की लंबाई 9.36 किमी है, जबकि भूमिगत मार्ग 7.5 किमी लंबा होगा। एलिवेटेड मार्ग पर सात स्टेशन होंगे, और लाइन 1 में भी कुल सात स्टेशन शामिल होंगे। इस तरह पटना मेट्रो में कुल 14 स्टेशन होंगे।
पटना मेट्रो लाइन 2
यह लाइन उत्तर-दक्षिण दिशा में पटना जंक्शन रेलवे स्टेशन से शुरू होकर न्यू आईएसबीटी पर समाप्त होगी। लाइन 2 की कुल लंबाई 14.06 किमी है। पटना मेट्रो लाइन 2 में भी भूमिगत और एलिवेटेड दोनों प्रकार के मार्ग होंगे। एलिवेटेड मार्ग की लंबाई 6 किमी है, जबकि भूमिगत मार्ग 8 किमी लंबा होगा। लाइन 2 के भूमिगत मार्ग पर सात स्टेशन होंगे, जबकि एलिवेटेड मार्ग पर पाँच स्टेशन होंगे। इस तरह, इस मार्ग पर कुल बारह स्टेशन होंगे।
भविष्य की परियोजनाएँ
- दूसरा चरण: यह 16.75 किलोमीटर (10.41 मील) लंबा मार्ग बायपास चौक, मीठापुर से दीदारगंज तक होगा, जो NH 30 बायपास से होकर गुजरेगा। इसमें बायपास रोड का उपयोग भी किया जाएगा ताकि मुख्य यातायात मार्ग पर दबाव कम हो सके।
- तीसरा चरण: यह मार्ग मीठापुर से फुलवारी शरीफ एम्स तक अनीसाबाद के रास्ते NH 30 बायपास से होकर 18.75 किलोमीटर (11.65 मील) लंबा होगा और इसे बायपास रोड से सुसज्जित किया जाएगा।
- चौथा चरण: यह मार्ग दीदारगंज से फतुहा जंक्शन तक विस्तारित होगा।
इन चरणों के माध्यम से पटना मेट्रो परियोजना भविष्य में शहर की बढ़ती यातायात आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
पटना मेट्रो स्टेशन सूची
लाइन 1
- दानापुर छावनी
- सगुना मोड़
- आरपीएस मोड़
- पाटलिपुत्र
- रुकरपुरा
- राजा बाज़ार
- पटना चिड़ियाघर
- विकास भवन
- विद्युत भवन
- पटना जंक्शन (इंटरचेंज)
- मीठापुर
- रामकृष्ण नगर
- जगनपुर
- खेमनी चक (इंटरचेंज)
लाइन 2
- पटना जंक्शन (इंटरचेंज)
- आकाशवाणी
- गांधी मैदान
- पीएमसीएच
- पटना यूनिवर्सिटी
- मोइन-उल-हक स्टेडियम
- राजेन्द्र नगर
- मलाही पकड़ी
- खेमनी चक (इंटरचेंज)
- भूतनाथ
- जीरो माइल
- न्यू आईएसबीटी
पटना मेट्रो प्रगति रिपोर्ट
जनवरी 2022 में, लार्सन एंड टुब्रो (एल एंड टी) ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) से पटना मेट्रो फेज-1 के कॉरिडोर-2 के निर्माण का ऑर्डर जीता। यह अनुबंध ₹1,989 करोड़ (यूएस $240 मिलियन) का है, जिसमें मुख्यतः छह भूमिगत स्टेशन शामिल हैं: राजेन्द्र नगर, पटना साइंस कॉलेज, पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, मोइन-उल-हक स्टेडियम, गांधी मैदान और आकाशवाणी।
प्रथम टनल की उपलब्धि
पटना मेट्रो रेल परियोजना का पहला टनल बोरिंग मशीन (TBM)-02 द्वारा सफलतापूर्वक पूरा किया गया, जिसे परियोजना का महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है। विश्वविद्यालय स्टेशन से मोइन-उल-हक स्टेडियम स्टेशन के बीच 1480 मीटर लंबी सुरंग बनाई गई। जुलाई 2023 में शुरू हुई यह यात्रा मई 2024 में दस महीने में पूरी हुई।
वर्तमान स्थिति
पटना मेट्रो का भूमिगत कॉरिडोर-2 तेजी से बन रहा है, और लगभग 40% सरकारी कार्य पूर्ण हो चुके हैं। मोइन-उल-हक स्टेडियम पर दोनों लाइनों के सुरंग निर्माण कार्य जारी हैं। इस कॉरिडोर को जनवरी 2027 तक शुरू करने का लक्ष्य है। बिहार सरकार ने 2025 तक पटना मेट्रो के पहले चरण को पूरा करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है, जिसे सुव्यवस्थित योजना और सक्रिय साझेदार भागीदारी से प्राप्त किया जाएगा।