सतधारा कुंड बिहार के नालंदा जिले में स्थित राजगीर के प्राचीन शहर का एक प्रसिद्ध प्राकृतिक जलस्रोत है। धार्मिक और पर्यटन की दृष्टि से यह स्थान बेहद महत्वपूर्ण है। “सतधारा” का मतलब है “सात धाराएँ,” और मान्यता है कि यह कुंड इन सात धाराओं के मिलन से बना है, जो इसे विशेष रूप से पवित्र बनाता है।
यहाँ आने वाले लोग एक सीढ़ियों वाली पथरीली राह से होते हुए कुंड तक पहुँचते हैं। कुंड के चारों ओर के क्षेत्र को पर्यटकों की सुविधा के लिए व्यवस्थित किया गया है, जहाँ बैठने और छांव के इंतजाम हैं, ताकि लोग यहाँ कुछ समय शांति से बिता सकें। धार्मिक आस्था रखने वाले श्रद्धालु यहाँ स्नान करके आध्यात्मिक शुद्धि और आशीर्वाद प्राप्त करने की इच्छा रखते हैं।
सतधारा कुंड सिर्फ धार्मिक महत्व के लिए ही नहीं, बल्कि अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी जाना जाता है। हरे-भरे पेड़ों और शांत माहौल से घिरे इस कुंड की धारा का मधुर संगीत लोगों को सुकून देता है। यह स्थल प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्राफरों के लिए खास आकर्षण का केंद्र है, जो यहाँ की खूबसूरत दृश्यावली को कैद करने के लिए आते हैं।