खुदा बक्श खा ओरिएण्टल पब्लिक लाइब्रेरी पटना में पटना कॉलेज निकट अशोक राजपथ पर अवस्थित यह नायब लाइब्रेरी है |देश के इस पाण्डुलिपि पुस्तकालय की स्थापना 1891 ईसवी में की गयी थी |
इस पुस्तकालय को वर्ष 1969 में संसदीय अधिनियम के जरिये एक महत्त्वपूर्ण संस्था घोषित किया गया था तब से यह केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के अधीन एक सार्वजनिक निकाय है |
इस पुस्तकालय में इस्लामी शिक्षा मध्य एशिआई एवं मध्यकालीन भारतीय इतिहास की अनेक महत्वपूर्ण पांडुलिपियां तथा राजपूत और मुगलकालीन चित्रकला के उत्कृष्ट नमूनों का विशिष्ट संग्रह है |इस पुस्तकालय में कुरान की एक अत्यंत लघु प्रति भी सुरक्षित है ।
यहाँ मौजूद सबसे पुरानी पांडुलिपि वनस्पति विज्ञान में है जो 11 वीं शताब्दी ईस्वी की है। नस्ख लिपि में लिखी पांडुलिपि में औषधीय पौधों, जड़ी बूटियों और सरीसृपों की लघु चित्र शामिल हैं। यह यह एक दुर्लभ पांडुलिपि है, और इसका इसका अनुवाद बगदाद में मामुन रशीद के शासन के दौरान लैटिन से अरबी में किया गया था।
एक अन्य पांडुलिपि, “किताबाल-तस्रीफजो कि दुर्लभ है, जो 1710 ईस्वी में अब्दुल कासिम सोहराई द्वारा लिखी गई थी। पुस्तक सर्जरी पर है और इसमें शल्य चिकित्सा उपकरणों की लघु चित्र शामिल हैं।
हिंदू धर्म पर कई लघु चित्रों सहित, रामायण और भगवत गीता (दोनों 18 वीं शताब्दी ईस्वी में प्रकाशित), भी प्रदर्शन पर हैं। इसके अलावा, पांडुलिपियों और लघु चित्रों सहित 9 0 और आइटम हैं।
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