अगर आप सोच रहे हैं की बिहार में फल ,अनाज और सब्जियों के अलावा कोई अन्य चीज नहीं उपजती हैं तो आप गलत हैं ।आज अहम बात करने जा रहे हैं बिहार में होने वाले चाय की खेती की
बिहार में चाय की खेती सर्वप्रथम 1982 में किशनगंज जिले में आधा हेक्टेयर भूमि में शुरू की गयी थी
तेज विकास और विस्तार के चलते अब राज्य के २५ एकड़ जमीन पर चाय की खेती हो रही है|
हांलांकि ज्यादातर किशनगंज जिले में ही चाय की खेती होती है लेकिन अब पूर्णिया ,कटिहार और अररिया जिलों में भी चाय की खेती की शुरुआत हो गयी है|इन सफल बढ़ोतरी से इस क्षेत्र के बहुत से लोगो को रोजगार मिल गयी है |
फ़िलहाल किशनगंज में 5 चाय रिफाइनिंग मशीन कार्यरत है लेकिन अब इसकी संख्या 20 करने की मांग हो रही है क्योंकि बिहार में चाय के उपज में वृद्धि हो चुकी हैं इसलिए फ़िलहाल चाय रिफाइनिंग के लिए बिहार को पश्चिम बंगाल के संयंत्रों पर निर्भर रहना पड़ता है
ऊपर लिखे गए तथ्यों के जरिये हम यह कहना चाह रहे है की राज्य में आधौगिक स्तर पर चाय की खेती
अत्यंत सम्भावनापूर्ण है और अब सरकार को इसे अपनी योजनाओं के जरिये प्रोत्साहित करनी चाहिए और
राज्य के उधमी को भी इस क्षेत्र में हाथ आजमा कर बिहार की अर्थव्यवस्थ्ता को बढ़ने में सहायता करनी चाहिए |