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यूनानी राजदूत मेगस्थनीज़ पाटलिपुत्र देखकर दंग क्यों रह गया?

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मेगस्थनीज़ (Megasthenes) एक प्रमुख यूनानी राजदूत और यात्री थे, जिन्होंने भारत में मौर्य साम्राज्य की राजधानी पाटलिपुत्र की यात्रा की थी। पाटलिपुत्र की विशालता, आयाम और विशेषताओं के कारण, जब मेगस्थनीज़ इसे देखा तो उन्हें बहुत प्रभावित और हैरान कर दिया था।

मेगस्थनीज़ की रिपोर्ट्स के अनुसार, पाटलिपुत्र एक विशाल नगर था जिसकी ऊंचाई 9 मील (लगभग 14.5 किलोमीटर) थी और चारों ओर से एक गहरे खाई थी। नगर की ऊचाई में बने इस्थान पर स्थित दीपक रात में बुझा नहीं जाता था, जिससे नगर का प्रकाश दिनभर में चमकता रहता था। वहां उपस्थित बागों और उद्यानों की सुंदरता और अद्वितीयता ने मेगस्थनीज़ को हैरान कर दिया। उन्होंने उस समय की प्रशस्तियों के माध्यम से पाटलिपुत्र के बारे में यूनानी सभ्यता को संचारित किया।

मेगस्थनीज़ की रिपोर्ट्स में लिखा गया है कि पाटलिपुत्र एक भारतीय नगर होने के साथ-साथ यूनानी और परसी व्यापारियों का विशेष महत्वपूर्ण केंद्र था। उन्होंने विश्वासनीयता से कहा था कि पाटलिपुत्र में बड़े बाजार, वस्त्र और आभूषण व्यापार, मूल्यवान रत्न, गहने, औषधि और अन्य वस्तुएं उपलब्ध थीं।

मेगस्थनीज़ ने चंद्रगुप्त मौर्य के शासनकाल और उनके साम्राज्य के संगठन के बारे में भी अहम जानकारी प्राप्त की थी। उन्होंने चंद्रगुप्त मौर्य के शासन के बारे में चर्चा की और चंद्रगुप्त मौर्य के साम्राज्य को शक्तिशाली और संगठित बनाने में चाणक्य की भूमिका के बारे में जानकारी प्राप्त की।

इस प्रकार, मेगस्थनीज़ ने पाटलिपुत्र के दृश्यों के सामरिक विवरण और व्यापारिक महत्व के आधार पर चाणक्य के मौर्य साम्राज्य की शक्ति और विशालता को देखकर हैरान हुए थे। उनकी रिपोर्ट्स यूनानी और पश्चिमी विश्व में भारतीय सभ्यता के बारे में महत्वपूर्ण ज्ञान के स्रोत के रूप में मान्यता प्राप्त की जाती है

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