Sunday, December 1, 2024

अंबिका भवानी मंदिर:बिहार में स्थित एक प्रमुख शक्ति पीठ

अंबिका भवानी मंदिर जिसे आमी मंदिर के रूप में भी जाना जाता है, बिहार के सारण जिले के दिघवारा के पास आमी गांव में स्थित एक अत्यधिक प्रतिष्ठित शक्ति पीठ है। इस मंदिर का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व प्राचीन काल से जुड़ा हुआ है। यह स्थल देवी सती को समर्पित है, जिन्हें हिंदू धर्म में शक्ति का प्रतीक माना जाता है। यहां देवी अंबिका भवानी की आराधना की जाती है, जो शक्ति, मातृत्व और करुणा की प्रतिमूर्ति मानी जाती हैं।

आमी मंदिर की पौराणिक कथा

आमी मंदिर की स्थापना के पीछे एक प्रसिद्ध पौराणिक कथा है, जो राजा दक्ष प्रजापति और उनकी पुत्री सती से संबंधित है। कथा के अनुसार, जब राजा दक्ष ने अपने यज्ञ में भगवान शिव का अपमान किया, तो उनकी पत्नी सती ने स्वयं को यज्ञ की अग्नि में भस्म कर लिया। इससे शिव अत्यंत क्रोधित हो गए और उन्होंने सती के शरीर को उठाकर तांडव नृत्य किया। इस घटना के दौरान सती के अंग विभिन्न स्थानों पर गिरे, जिनमें से एक स्थान आमी भी है, जहां उनका सिर गिरा था। इस वजह से आमी को शक्ति पीठ के रूप में मान्यता प्राप्त है और इसे अत्यंत पवित्र माना जाता है।

मंदिर की विशेषता

आमी मंदिर की एक अद्वितीय विशेषता यह है कि यह मंदिर ऐसे स्थान पर स्थित है, जहां से भारत के तीन प्रमुख धार्मिक स्थलों—काठमांडू में पशुपतिनाथ मंदिर, वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर और देवघर में बैद्यनाथ धाम—की दूरी लगभग समान है। यह तथ्य भक्तों के बीच आस्था का एक और कारण बनता है, और इसे एक विशेष आध्यात्मिक महत्व प्रदान करता है।

धार्मिक आयोजन और उत्सव

आमी मंदिर में सालभर धार्मिक आयोजन होते रहते हैं, लेकिन विशेष रूप से दुर्गा पूजा, शिवरात्रि, दशहरा, और आमी मेला के दौरान यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। नवरात्र के समय यहां विशेष पूजा और अनुष्ठान किए जाते हैं, जिसमें दूर-दूर से भक्तजन सम्मिलित होते हैं। सप्तमी, अष्टमी, और नवमी के दिन यहां भक्तों की भारी भीड़ देखी जाती है।

परिवहन और पहुंच

आमी मंदिर की पहुंच के लिए परिवहन के साधन भी सुगम हैं। निकटतम हवाई अड्डा पटना का जयप्रकाश नारायण हवाई अड्डा है, जो मंदिर से लगभग 57 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आमी गांव एनएच 19 राजमार्ग के किनारे स्थित है, जिससे यह बिहार और उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। अगर आप रेल मार्ग से आना चाहते हैं, तो निकटतम रेलवे स्टेशन दिघवारा है, जो मंदिर से लगभग 2.5 किलोमीटर दूर है।

मंदिर की वास्तुकला

आमी मंदिर की वास्तुकला भी अपने आप में अनोखी है। इस मंदिर में यज्ञ कुंड भी है, जो यहां होने वाले धार्मिक अनुष्ठानों का प्रमुख केंद्र है। मंदिर के दीवारों और शिलालेखों पर बने भित्ति चित्रण इसकी प्राचीनता और पवित्रता का प्रतीक हैं।

निष्कर्ष

आमी मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह स्थान श्रद्धालुओं के लिए आस्था और भक्ति का केंद्र भी है। यहां आने वाले भक्त अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने की प्रार्थना के साथ आते हैं और देवी अंबिका भवानी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। पौराणिक कथाओं, भव्य धार्मिक आयोजनों और अद्वितीय वास्तुकला के कारण आमी मंदिर हर वर्ष हजारों भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करता है।

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