बिहार विधानसभा:भारत के बिहार राज्य की द्विसदनीय विधायिका का निम्न सदन है, जिसमें कुल 243 सदस्य होते हैं। वर्तमान में 18वीं बिहार विधानसभा चल रही है। यह राज्य की महत्वपूर्ण नीतियां और कानून बनाने का कार्य करती है। बिहार विधानसभा का गठन 1935 में भारत सरकार अधिनियम के अंतर्गत हुआ, जब बिहार और उड़ीसा को अलग राज्य घोषित किया गया।
इतिहास
1935 के अधिनियम के बाद, बिहार में द्विसदनीय विधायिका की स्थापना हुई। पहली विधान परिषद 22 जुलाई 1936 में गठित की गई थी, जिसमें 30 सदस्य थे और इसके अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद थे। दोनों सदनों का पहला संयुक्त सत्र 22 जुलाई 1937 को हुआ। राम दयालू सिंह पहले अध्यक्ष बने। बिहार के पहले मुख्यमंत्री डॉ. श्री कृष्ण सिंह थे, और डॉ. अनुग्रह नारायण सिंह पहले उपमुख्यमंत्री बने।
विधानसभा की सदस्यता
पहले बिहार विधानसभा की सदस्य संख्या 331 थी, जिसमें एक मनोनीत सदस्य भी शामिल था। 1952 के चुनावों के बाद इसे घटाकर 318 कर दिया गया। 1977 में यह संख्या फिर से बढ़ाकर 325 की गई। झारखंड के निर्माण के बाद, बिहार पुनर्गठन अधिनियम के तहत यह संख्या 243 हो गई, जिसमें 38 सीटें अनुसूचित जाति और 2 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं।
इस प्रकार, बिहार विधानसभा का गठन और विकास समय के साथ होता गया, और यह राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
विवरण | जानकारी |
---|---|
बिहार विधानसभा | बिहार की 17वीं विधानसभा |
राज्य चिह्न या लोगो | – |
सदन प्रकार | निम्न सदन |
अवधि सीमा | 5 वर्ष |
अध्यक्ष | नंद किशोर यादव, बीजेपी |
उपाध्यक्ष | महेश्वर हजारी, जदयू |
मुख्यमंत्री (सदन के नेता) | नीतीश कुमार, जदयू |
उपमुख्यमंत्री (सदन के उपनेता) | विजय कुमार सिन्हा, सम्राट चौधरी, भाजपा |
विपक्ष के नेता | तेजस्वी यादव, राजद |
कुल सीटें | 243 |
राजनीतिक समूह | |
सत्तापक्ष | 160 |
गठबंधन | 128 |
भाजपा | 78 |
हम | 4 |
जदयू | 45 |
निर्दलीय | 1 |
विपक्ष | 115 |
राजद | 79 |
अन्य | |
कांग्रेस | 19 |
भाकपा (माले) | 12 |
भाकपा | 2 |
माकपा | 2 |
मजलिस | 1 |
निर्वाचन प्रणाली | सरल बहुमत प्रणाली |
पिछला चुनाव | 2020 |
अगला चुनाव | 2025 |
सभा सत्र भवन | – |