Thursday, November 21, 2024

बिहार विधानसभा का परिचय,इतिहास,संरचना और बिहार में कितनी विधानसभा सीटें हैं?

बिहार विधानसभा:भारत के बिहार राज्य की द्विसदनीय विधायिका का निम्न सदन है, जिसमें कुल 243 सदस्य होते हैं। वर्तमान में 18वीं बिहार विधानसभा चल रही है। यह राज्य की महत्वपूर्ण नीतियां और कानून बनाने का कार्य करती है। बिहार विधानसभा का गठन 1935 में भारत सरकार अधिनियम के अंतर्गत हुआ, जब बिहार और उड़ीसा को अलग राज्य घोषित किया गया।

इतिहास

1935 के अधिनियम के बाद, बिहार में द्विसदनीय विधायिका की स्थापना हुई। पहली विधान परिषद 22 जुलाई 1936 में गठित की गई थी, जिसमें 30 सदस्य थे और इसके अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद थे। दोनों सदनों का पहला संयुक्त सत्र 22 जुलाई 1937 को हुआ। राम दयालू सिंह पहले अध्यक्ष बने। बिहार के पहले मुख्यमंत्री डॉ. श्री कृष्ण सिंह थे, और डॉ. अनुग्रह नारायण सिंह पहले उपमुख्यमंत्री बने।

विधानसभा की सदस्यता

पहले बिहार विधानसभा की सदस्य संख्या 331 थी, जिसमें एक मनोनीत सदस्य भी शामिल था। 1952 के चुनावों के बाद इसे घटाकर 318 कर दिया गया। 1977 में यह संख्या फिर से बढ़ाकर 325 की गई। झारखंड के निर्माण के बाद, बिहार पुनर्गठन अधिनियम के तहत यह संख्या 243 हो गई, जिसमें 38 सीटें अनुसूचित जाति और 2 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं।

इस प्रकार, बिहार विधानसभा का गठन और विकास समय के साथ होता गया, और यह राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

विवरणजानकारी
बिहार विधानसभाबिहार की 17वीं विधानसभा
राज्य चिह्न या लोगो
सदन प्रकारनिम्न सदन
अवधि सीमा5 वर्ष
अध्यक्षनंद किशोर यादव, बीजेपी
उपाध्यक्षमहेश्वर हजारी, जदयू
मुख्यमंत्री (सदन के नेता)नीतीश कुमार, जदयू
उपमुख्यमंत्री (सदन के उपनेता)विजय कुमार सिन्हा, सम्राट चौधरी, भाजपा
विपक्ष के नेतातेजस्वी यादव, राजद
कुल सीटें243
राजनीतिक समूह
सत्तापक्ष160
गठबंधन128
भाजपा78
हम4
जदयू45
निर्दलीय1
विपक्ष115
राजद79
अन्य
कांग्रेस19
भाकपा (माले)12
भाकपा2
माकपा2
मजलिस1
निर्वाचन प्रणालीसरल बहुमत प्रणाली
पिछला चुनाव2020
अगला चुनाव2025
सभा सत्र भवन
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