जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, भागलपुर, बिहार के भागलपुर में स्थित एक सरकारी और मान्यता प्राप्त चिकित्सा संस्थान है। यह कॉलेज बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना से संबद्ध है और इसे भारतीय चिकित्सा परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त है। इसकी स्थापना 1971 में बिहार सरकार द्वारा की गई थी और इसका क्षेत्रफल लगभग 400 एकड़ है, जिसमें कुल निर्मित क्षेत्रफल 1,00,000 वर्ग मीटर है। पहले इसे भागलपुर मेडिकल कॉलेज के नाम से जाना जाता था, लेकिन बाद में इसका नाम बदलकर जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज कर दिया गया।
परिसर और बुनियादी ढांचा
यह कॉलेज भागलपुर के मायागंज क्षेत्र में स्थित है, जो गंगा नदी के निकट है और इसमें लगभग 700 बिस्तरों की क्षमता वाला अस्पताल है। इसके प्रशासनिक ब्लॉक और प्रमुख विभाग ऐतिहासिक नौलखा कोठी में स्थित हैं। यहाँ एनाटॉमी, फिजियोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री, पैथोलॉजी, फार्माकोलॉजी, पीएसएम, एफएमटी, और माइक्रोबायोलॉजी जैसे विभाग उपलब्ध हैं, जो विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करते हैं।
शैक्षणिक और प्रवेश प्रक्रिया
जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज हर साल 120 छात्रों को एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश देता है, जिसमें 18 सीटें NEET (UG) के अखिल भारतीय कोटे से और 102 सीटें राज्य कोटे से भरी जाती हैं। इस कॉलेज में लगभग सभी प्रमुख विभागों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम भी उपलब्ध हैं। इसकी विशाल जलग्रहण क्षमता के कारण यहाँ बड़ी संख्या में रोगी आते हैं, जिससे छात्रों को पर्याप्त व्यावहारिक अनुभव मिलता है।
संबद्धता और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
यह कॉलेज पहले तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय से 1971 से 2010 तक और फिर 2011 से 2023 तक आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, पटना से संबद्ध था। 2023 में इसे बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय से संबद्ध कर दिया गया। इसका नामकरण देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के सम्मान में किया गया, जो इसे राष्ट्रीय स्तर पर एक विशिष्ट पहचान दिलाता है।