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अब कोसी नहीं रहेगी ‘बिहार का शोक’ , इस भयंकर तबाही से निजात पाने के लिए शुरू हुई ये योजनाएँ

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सालो से बिहार के लिए एक अभिशाप बन चुकी कोसी नदी अब बिहार को तबाह नहीं कर पाएगी। हर वर्ष बिहार में आने वाले भयानक बाढ़ का मुख्य स्रोत रहीऔर बिहार का शोक कही जाने वाली कोसी नदी की तबाही से बचने के लिए बिहार सरकार ने एक साथ करोड़ो के कई योजनाओं को शुरू किया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोसी के प्रकोप से बचने के लिए 880 करोड़ के 4 योजनाओ को शुरू किया है।

जानकारी के लिए बता दे की बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कोशी क्षेत्र के सुपौल जिले पहुंचे, जहां उन्होंने कई योजनाओं की सौगात कोसी और मिथिलावासियों को भी दी। सीएम नीतीश कुमार ने कोसी नदी में लगभग हर साल आने वाली विनाशकारी बाढ़ की तबाही से बचने के लिये एक साथ कई सारी योजनाओं को शुरू किया है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा शिलान्यास किये गए इस 880 करोड़ की योजना के क्रियान्वयन होने के बाद सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, खगड़िया, मधुबनी और दरभंगा जिले के लोगों को भी इससे बहुमूल्य लाभ मिलेगा। योजना का लाभ राज्य के करीब एक करोड़ की आबादी को मिलेगा।

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बुधवार को सुपौल पहुंचे सीएम नीतीश कुमार ने विश्वनाथ गुरामैता स्कूल परिसर में सभा को संबोधित किया।नीतीश कुमार जलसंसाधन विभाग के कोशी बाढ़ समुस्थान परियोजना और राज्य योजना के तक़रीबन 879 करोड़ की योजनाओं का आधारशिला रखा | .

उन्होंने संबोधन से पहले 880 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास किया। इसमें कोसी पूर्वी तटबंध के ऊंची करण और सिंचाई परियोजना शामिल है। मुख्यमंत्री ने रिमोट से कई योजनाओं का शिलान्यास किया। सभा के सम्बोधन के दौरान मुख़्यमंत्री नीतीश कुमार ने लालू परिवार पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला करते हुए कहा कि एक तरफ हम लोग विकास का काम कर रहे हैं वहीँ दूसरी तरफ कुछ लोग बयानबाजी करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग धनार्जन करने में लगे हैं और अपने परिवार को धनवान बनाने में जुटे हैं।

वैसे लोग जिन्हे हर साल बाढ़ आने पर अपने घर द्वार छोड़कर दूसरे किसी स्थान पर जाने के लिए विवश होना पड़ता था उन लोगो के लिए ये योजनाएं किसी वरदान से काम नहीं है । बशर्ते ये योजनाएं सुचारु रूप से लागू हो |

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