ये कहानी है दो भाइयों की | पिता मदन पंडित किसान हैं और दोनों भाई बिहार के समस्तीपुर के निकट परोरिया गाँव के रहने वाले हैं
बड़े भाई कृष्णा को डेढ़ साल की उम्र में पोलियो हो गया था |दोनों पैर और एक हाथ ने काम करना बंद कर दिया लेकिन मन के किसी कोने में स्कूल जाने की इक्छा थी,लेकिन वो स्कूल जाने को असमर्थ था |बड़े भाई के पढ़ने की ललक को छोटे भाई ने भांप लिया |उसे देखते हुए छोटे भाई वसंत एक जिम्मा उठाया, वह रोज पीठ पर लादकर बड़े भाई को स्कूल ले जाने लगा |इसी तरह दोनों ने अपनी हाई स्कूल तक की की पढाई पूरी की |आगे की पढाई के लिए पिताजी ने दोनों भाईओं को कोटा में कोचिंग भेजा | तीन साल वहां रहकर दोनों ने पढ़ाई की | पहले की तरह भाई को पीठ पर लाने ले जाने का सिलसिला यहां भी जारी रहा |
आखिर दोनों की मेहनत और दृढ संकल्प रंग लाया और दोनों का सिलेक्शन आई आई टी में एक साथ हो गया |जहाँ कृष्णा को ओबीसी कोटे में ३८ वि रैंक प्राप्त हुई वही वसंत को ३७६९ रैंक मिली |
भाई के प्रति प्रेम की ऐसी मिसाल आपसब को कम ही देखने को मिलती है|
यह हमारी आईआईटी अधिकारियों से आशा है कि वे उन्हें आईआईटी के एक ही कैंपस में दाखिला दे ताकि वे अपने सपने को पूरा करने के लिए मिलकर काम कर सकें।
हमारी ओर से दोनों भाई और इनके परिवारों को शुभकामनाएं