अगर आप पटना के हो और जब भी आर ब्लॉक से इनकम टैक्स गोलंबर के बिच यात्रा करते होंगे तो आपकी नजर जरूर एक ऐसी भव्य ईमारत पर पड़ती होगी जिसे देखकर आप उसकी खूबसूरती की तारीफ किये बगैर नहीं रह सकते है । विशाल और बहुमजिली ये ईमारत अपनी सुंदरता के लिए जानी जाती है । पिछले कुछ वर्षो ये ये ईमारत बिहार राज्य के परिवहन भवन के दफ्तर के रूप में जाना जाता था लेकिन अब आपको ये जानकर एक सुखद आश्चर्य होगा की अब इसे राज्य के प्रथम लक्जरी विरासत होटल में परिवर्तित किया जायेगा।
प्रोजेक्ट की लागत
यह प्रोजेक्ट लगभग 165 करोड़ रुपये का है।
कितना समय लगेगा और काम की रूप रेखा क्या होगी
इस परियोजना को राज्य पर्यटन विभाग से सहमति प्राप्त हो चुकी है। इसे पब्लिक प्राइवेट पार्टनशिप मोड पर बनाया जायेगा। बीएसआरटीसी के अधिकारियों के द्वारा यह बताया गया है कि पीपीपी मोड में तीन होटलों के विकास में 4 साल लगा सकते हैं लेकिन इसकी बोली प्रक्रिया अभी एक माह में प्रारम्भ होने वाले हैं। राज्य के पर्यटन मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि ने यह जानकारी दी है कि वर्तमान में पाटलिपुत्र अशोक और बांकीपुर बस-स्टैंड के पुनर्विकास की प्रक्रिया आरंभिक चरणों में है। इस कार्य को जल्द ही पूरा किया जायेगा। बीएसटीडीसी के एक अधिकारी ने बातचीत की दौरान कहा है कि सुल्तान पैलेस की वास्तुकला और सैंदर्य को बनाये रखें के लिए इमारत के सामने वाले हिस्से को महल के रूप में तब्दील किया जायेगा और बेकार भागों को हटा दिया जायेगा।
नया परिवहन भवन कहाँ होगा
परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल का कहना है कि फुलवारीशरीफ में 100 एकड़ भूमि को विभाग ने बीएसआरटीसी के नए मुख्यालय के लिए रखा है। नए मुख्यालय का कार्य जल्द ही शुरू होगा।
सुल्तान पैलेस का इतिहास
आपको बता दें कि सुल्तान पैलेस का निर्माण 1922 में हुआ था. इसका निर्माण करने का श्रेय सुल्तान अहमद हो जाता है।. वे पटना हाई कोर्ट के वकील रह चुके हैं, वे न्यायाधीश भी रहे हैं। ये आवास उन्हीं का है. पटना विश्वविद्यालय के प्रथम भारतीय कुलपति होने का गौरव उन्हें ही जाता है। विख्यात करिगगर मंजुल हैं काजमी के द्वारा इस भवन की नक्काशी का कार्य किया था जो बेमिशाल है. इसकी सजावट और डिजाईन में पश्चिमी स्थापत्य कला की शनदार उत्कृष्टता पेश की गयी है।
एक अन्य भव्य ईमारत भी बनेगा हेरिटेज होटल
सुल्तान महल के अलावा, बिहार पर्यटन विभाग डाक बंगला क्रासिंग पर रिजवान महल को हेरिटेज होटल के रूप में विकसित करने के लिए काम कर रहा है। ट्यूरिज्म विभाग के निदेशक ने कहा कि वर्तमान में रिजवान कैसल के हस्तांतरण की प्रक्रिया चल रही है।
बीसवीं सदी की शुरुआत में, स्कॉटिश ट्यूडर महल की तर्ज पर कोने में गढ़ों के साथ एडिक्शन की पंक्तियां, शीर्ष पर बेतले और ट्रेकरी पर क्रॉस-डिजाइन किए गए । यह पटना में प्रमुख वकील हसन इमैन (1871-1933) का निवास था।