राजगीर बिहार का सबसे प्रसिद्ध दर्शनीय स्थलों में से एक है । बिहार सरकार इस ऐतिहासिक स्थान को और भी अधिक विकसित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है ।
तीन देशों थाईलैंड, जापान और भूटान के बौद्ध भिक्षुओं के मंगलाचरण के बाद मुख्यमंत्री ने शिलापट का अनावरण किया
इसी चरण में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को घोड़ा कटोरा झील में भगवान बुद्ध की 70 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया| यह प्रदेश की तीसरी सबसे ऊंची बुद्ध की मूर्ति है|
तीन देशों थाईलैंड, जापान और भूटान के बौद्ध भिक्षुओं के मंगलाचरण के बाद मुख्यमंत्री ने शिलापट का अनावरण किया और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के साथ बैट्री चालित बोट में बैठ कर झील में स्थित भगवान बुद्ध की प्रतिमा की चारों ओर परिक्रमा की.
राजगीर की पांचों पहाड़ियों को रोपवे के माध्यम से जोड़ा जायेगा
मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राजगीर की पांचों पहाड़ियों को रोपवे के माध्यम से जोड़ा जायेगा. नीतीश कुमार ने कहा कि राजगीर पांच पहाड़ियों से घिरा हुआ है. पांचों पहाड़ियों पर किसी-न-किसी धर्म के देवी-देवताओं के मंदिर हैं. इन पहाड़ियों पर पैदल चढ़ाई करने में पर्यटकों को भारी परेशानी झेलनी पड़ती है. इसके कारण बहुत-से पर्यटक अपने ईष्टदेव का दर्शन और पूजा नहीं कर पाते हैं. पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सभी पहाड़ियों को रोपवे से जोड़ा जायेगा.
२००९ में अपने भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री ने लिया था इस क्षेत्र के विकास का लक्ष्य
नितीश कुमार ने कहा कि 2009 में मैं कई दिनों तक राजगीर में रुका था. उस समय मैं पैदल चल कर घोड़ा कटोरा पहुंचा था. उस समय यहां के वातावरण को देखते हुए यह निर्णय लिया गया था कि इसे इको-फ्रेंडली बनाया जाये. मुख्यमंत्री ने कहा कि घोड़ा कटोरा झील एक ऐतिहासिक स्थल है और यह पूरी तरह से प्राकृतिक है. पांच पहाड़ियों के बीच में भगवान बुद्ध की प्रतिमा स्थापित की गयी है. पर्यटक यहां आयेंगे, झील का भ्रमण करेंगे और भगवान बुद्ध का दर्शन भी करेंगे.
क्यों प्रसिद्द है घोड़ा कटोरा
गृद्धकुट पर्वत, जहां भगवान बुद्ध ने उपदेश दिया था, वहां से यह पूरी झील दिखाई पड़ती है. घोड़ा कटोरा अपने आप में प्राकृतिक सौंदर्य का बेजोड़ नमूना है. यहां जो भगवान बुद्ध की प्रतिमा लगायी गयी है, वह पूरी तरह पत्थर की बनी है. इसमें 45 हजार घनफुट गुलाबी रंग का सैंड स्टोन लगाया गया है. झील की सतह में 16 मीटर गोलाई वाला पेडेस्टल बनाया गया है, जिसके ऊपर प्रतिमा स्थापित की गयी है. यह एक अद्भुत जगह है. यहां वाहनों के आवागमन पर पूरी तरह रोक है. यहां घोड़ागाड़ी अथवा बैट्री चालित वाहन से आया-जाया जा सकता है.
अगले साल राजगीर में गुरुनानक जयंती मनेगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2019 में सिख धर्म के संस्थापक गुरुनानक देव जी की 550वीं जयंती राजगीर में मनेगी. इस जयंती समारोह में देश-विदेश के हजारों सिख समुदाय के लोग शामिल होंगे. इस अवसर पर पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, जिला प्रभारी मंत्री शैलेश कुमार, पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव रवि मनु भाई प्रमार उपस्थित थे.
बिहार में बुद्धा प्रतिमा से जुड़े कुछ तथ्य
- यह बिहार की तीसरी सबसे ऊंची बुद्ध मूर्ति है|
- इस मूर्ति की कुल ऊंचाई 70 फुट है
- 45 हजार घनफुट गुलाबी रंग के सैंड स्टोन का हुआ है इस्तेमाल
- 16 मीटर गोलाई वाले पेडेस्टल पर है यह प्रतिमा
- बिहार की अन्य ऊंची बुद्ध मूर्ति 82 फुट ऊंची बोधगया में और 80 फुट सासाराम में ऊंची है |
- देश की सबसे ऊंची बुद्ध मूर्ति सिक्किम के रावंग्ला में है जो 130 फुट ऊंची है