आज हम आपको लेके जा रहे हैं खगड़िया । शहर से सटे सन्हौली दुर्गास्थान में दशकों से मां दुर्गा विराजमान हैं । बड़ी संख्या में श्रद्धालु शक्तिपीठ मानकर यहां पूजा-अर्चना करते हैं। राज्य के विभिन्न हिस्सों के अलावा आसाम, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों के श्रद्धालु भी मनोकामना पूरा होने पर यहां माता के दरबार में माथा टेकने व चढ़ावा चढ़ाने आते हैं।
पौराणिक कथा
दुर्गा स्थान से जुड़े सन्हौली के नंदेश निर्मल, बताते हैं कि दो सौ वर्ष पूर्व पंचायत के ही एक खेत जोतने के क्रम में मां दुर्गा की मूर्ति मिली थी। मूर्ति को एक ब्राह्मण गोपी ठाकुर ने उठाकर अपने घर के निकट एक कुंआ पर स्थापित कर दिया। मां दुर्गा की मूर्ति को कुआं पर स्थापित करने के बाद स्वप्न देखकर गोपी ठाकुर ने पंचायत के गणमान्य लोग रामजी साह , पूर्व एमएलए केदार नारायण साह आजाद के दादा हरि नारायण साह , महेंद्र नारायण साह आदि से इसकी चर्चा की । उक्त लोगों के प्रयास से दुर्गा मां की मूर्ति को कुआं पर से हटाकर गांव के दक्षिणी छोड़ पर स्थापित किया गया।
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जिस समय सन्हौली दुर्गा स्थान की स्थापना हुई थी उस समय यह शहर का इकलौता दुर्गा स्थान था। बाद में दाननगर में दुर्गा प्रतिमा की स्थापना की गई। सन्हौली दुर्गा स्थान के नाम को संशोधित कर सन्हौली बड़ी दुर्गा कर दिया गया। नंदेश निर्मल बताते हैं कि सन्हौली दुर्गा स्थान में पहली पूजा से लेकर नवमी तक रात्रि में देवी जागरण का कार्यक्रम होता है। देवी जागरण के भक्ति गीत सुनने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं|