जयमंगला गढ़ बिहार का प्रमुख पर्यटन स्थल और पक्षी विहार है। यह कांवर झील से घिरा हुआ है, जहां हर साल देश-विदेश से लाखों की संख्या में पक्षी आते हैं। यहां माता जयमंगला का प्रसिद्ध मंदिर है।
जयंगलागढ़ न केवल अपने पुरातात्विक महत्व के लिए प्रसिद्ध है यह एक ऐतिहासिक स्थल है जो इस क्षेत्र के लोगों की धार्मिक भावनाओं से संबंधित है। शक्तिपीठ के रूप में इसकी काफी प्रतिष्ठा है| माना जाता है कि सच्चे मन और श्रद्धा से जो जो देवी जयमंगला भक्तों के चरणों में आता है ,माँ उसकी इच्छा अवश्य पूरी करती हैं । यहाँ भगवान् विष्णु को समर्पित यहाँ एक और मंदिर है जो पुराने देवी मंदिर के उत्तरी हिस्से में स्थित है ।
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अवस्थिति
जयमंगला गढ़ बेगूसराय-हसनपुर मुख्य राज्यमार्ग पर स्थित है। यह बिहार के बेगूसराय जिला मुख्यालय से 21 किलोमीटर और मंझौल से चार किलोमीटर दूर है। जयमंगला माता का मंदिर मुख्य सड़क के करीब एक किलोमीटर दूर है। मंदिर चारों और से कांवर झील से घिरा हुआ है।
ऐतिहासिकता
ऐसी मान्यता है कि यह राज जयमंल का गढ़ था। फिलहाल इसकी ऐतिहासिकता पर शोध जारी है।
कांवर झील
कांवर झील मीठे पानी का विशाल झील है। जिसकी लंबाई करीब 42 किलोमीटर है। यहां हर साल लाखों पक्षी विश्व के विभिन्न देशों से आते हैं।
पक्षी शरणस्थली
यह विश्व के सबसे बड़े पक्षी विहारों में से एक है। यहां पक्षियों को मारना प्रतिबंधित है।
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पर्यटन स्थल
जयमंगला गढ़ पर्यटनस्थल के रूप में प्रसिद्ध है। एक जनवरी को नए साल के मौके पर यहां हजारों लोग वनभोज के लिए आते हैं।
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